Cancer Alert: सावधान! सीटी स्कैन से बढ़ता है कैंसर का खतरा, नई रिसर्च ने खोली आंखें

punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 05:02 PM (IST)

इंटरनेशलन डेस्क: सीटी स्कैन को अब तक एक जरूरी और भरोसेमंद मेडिकल जांच माना जाता रहा है। डॉक्टर कई बार बिना देर किए मरीजों को इसकी सलाह दे देते हैं। लेकिन हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने सभी को चौंका दिया है। इस स्टडी के मुताबिक, सीटी स्कैन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल खुद एक बड़ी बीमारी यानी कैंसर का कारण बन सकता है। यह खबर उन सभी लोगों के लिए जरूरी है जो मेडिकल चेकअप के दौरान सीटी स्कैन करवाते हैं या जिनके घर में बच्चे और बुजुर्ग हैं।

क्या है सीटी स्कैन और क्यों होता है खतरा?

सीटी स्कैन यानी "कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी" एक तरह की इमेजिंग तकनीक है जिसमें एक्स-रे की मदद से शरीर के अंदरूनी हिस्सों की 3D तस्वीरें ली जाती हैं। इससे कई गंभीर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। लेकिन इसमें इस्तेमाल होने वाला रेडिएशन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। रेडिएशन डीएनए को प्रभावित कर सकता है और समय के साथ कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है।

अमेरिका की रिसर्च में क्या सामने आया?

यूसीएसएफ इंटरनेशनल सीटी डोज रजिस्ट्री द्वारा की गई रिसर्च में अनुमान लगाया गया है कि 2023 में जितने सीटी स्कैन हुए, उनमें से करीब 1 लाख 3 हजार मामलों में भविष्य में कैंसर का खतरा हो सकता है। इनमें से 10 हजार बच्चे भी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें आगे चलकर ब्रेन ट्यूमर, ब्लड कैंसर या लिम्फोमा जैसे कैंसर हो सकते हैं।

बच्चों पर खतरा ज्यादा क्यों?

रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर किसी बच्चे को 4 या उससे ज्यादा बार सीटी स्कैन कराया जाता है तो कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है। बच्चों का शरीर नाजुक और विकसित हो रहा होता है। ऐसे में रेडिएशन का असर उन पर ज्यादा पड़ता है। यही वजह है कि बच्चों के लिए यह और भी खतरनाक माना जा रहा है।

दुनिया में कहां हो रहा सबसे ज्यादा इस्तेमाल?

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर 1000 लोगों पर लगभग 300 सीटी स्कैन किए जा रहे हैं। जबकि ब्रिटेन जैसे देशों में यह आंकड़ा 100 से भी कम है। इससे साफ है कि अमेरिका में जरूरत से ज्यादा सीटी स्कैन हो रहे हैं और यही चलन अगर बाकी देशों में भी बढ़ा तो कैंसर के मामलों में बड़ा उछाल आ सकता है।

सीटी स्कैन की जगह क्या विकल्प हो सकते हैं?

सीटी स्कैन के बजाय कुछ ऐसे विकल्प भी मौजूद हैं जो बिना रेडिएशन के शरीर की जांच कर सकते हैं, जैसे:

  • एमआरआई (MRI)

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

यह विकल्प खासतौर पर उन लोगों के लिए बेहतर हैं जिन्हें बार-बार स्कैन करवाना पड़ता है, जैसे कैंसर सर्वाइवर्स, बुजुर्ग या बच्चे।

डॉक्टर से क्या पूछें?

अगर आपको सीटी स्कैन करवाने की सलाह दी जाती है तो आप डॉक्टर से ये सवाल जरूर पूछें:

  • क्या सीटी स्कैन जरूरी है या कोई और तरीका अपनाया जा सकता है?

  • क्या MRI या अल्ट्रासाउंड से काम चल सकता है?

  • कितनी मात्रा में रेडिएशन होगा और इससे कितना खतरा है?

खुद को जागरूक रखना आपकी जिम्मेदारी है क्योंकि डॉक्टर कई बार जल्दबाजी में स्कैन लिख देते हैं।

हमारे लिए क्या सबक है?

यह रिसर्च हमें सतर्क रहने की चेतावनी देती है। जरूरत के समय सीटी स्कैन कराना गलत नहीं है लेकिन बिना वजह और बार-बार स्कैन कराना घातक हो सकता है। बच्चों की सेहत को लेकर खास सतर्कता बरतनी चाहिए। अगर आपके बच्चे को स्कैन करवाने की जरूरत पड़ रही है तो एक बार दूसरे डॉक्टर की राय जरूर लें।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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