पिछली सरकार ने कृषि पर स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था: कृषि मंत्री

punjabkesari.in Sunday, Dec 02, 2018 - 04:22 PM (IST)

चंडीगढ़ः केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने पिछली संप्रग पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को 'ठंडे बस्ते में' डाल दिया था। सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के कई कदम उठाए हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार ने कृषि और किसानों के बारे में वर्ष 2006 की स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा, 'पिछली सरकार ने इसे (स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट) को 'ठंडे बस्ते में' डाल दिया।' मोदी सरकार 'मिशन मोड' में इन सिफारिशों को लागू कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा, 'किसानों की आय बढ़ाने के लिए, स्वामीनाथन ने राष्ट्रीय कृषि बाजार की स्थापना जैसी कई सिफारिशें कीं। उन्होंने मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक खेती के बारे में बात की थी जिनमें से सभी सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।'

उन्होंने कहा, 'अगर स्वामिनाथन की सिफारिशें दस साल पहले लागू की गई होतीं तो किसानों की स्थिति आज बेहतर होती।' सिंह यहां सीआईआई एग्रो टेक इंडिया-2018 के 13वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे, जो चार दिवसीय द्विवार्षिक कृषि प्रौद्योगिकी और व्यापार मेला है। इस मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया। मंत्री ने कहा कि किसान कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है और किसानों को उनकी ऊपज का पर्याप्त मूल्य मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने पशुपालन जैसे कृषि के संबद्ध क्षेत्रों की ओर ध्यान दिया है। राजग सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए डेयरी, मुर्गी, मत्स्यपालन और अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए भी सकारात्मक प्रयास किए हैं। 


 


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jyoti choudhary

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