अब ‘वंदे मातरम महाविद्यालय’ के नाम से जाना जाएगा यह कालेज

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जहां एक ओर देश में ‘वंदे मातरम’ गाए जाने को लेकर बहस छिड़ी है वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मशहूर दयाल सिंह इवनिंग कालेज का नाम बदलकर ‘वंदे मातरम महाविद्यालय’ रखा जाएगा। कालेज की गवर्निंग बॉडी (जीबी) ने एक प्रस्ताव पारित कर यह फैसला लिया। जिसका विरोध करते हुए कुछ छात्रों और शिक्षकों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

वंदे मातरम का मतलब मां को सम्मान 
गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन अमिताभ सिन्हा ने बताया कि अब इवनिंग और मॉर्निंग कॉलेज के अलग-अलग नाम होंगे। इसलिए हमें इवनिंग कालेज का नाम बदलना ही होगा। सिन्हा ने कहा कि वंदे मातरम का मतलब मां को सम्मान देना है। इसलिए नाम पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। चाहे वो आपकी मां हो या भारत माता हो।  जिन्हें मां को सम्मान देने में परेशानी है तो सवाल उठता है कि वो मानव हैं या नहीं। बता दें कि द‌याल सिंह सांध्य कालेज के प्रिंसिपल को 21 सितंबर को एक्ज‌िक्यूटिव काउंसिल से एक नोटिफिकेशन मिला था जिसके अनुसार कालेज को फुल फ्लेज्ड डे कालेज में बदलने की अनुमति दे दी गई थी। चूंकि एक कालेज को मॉर्निंग कालेज बना दिया गया तो डीयू द्वारा चयनित एक कमेटी दोनों कालेजों के संपत्तियों को अलग करने का काम कर रही है। 

पहले कालेज का नाम मदन मोहन मालवीय कालेज रखे जाने पर भी विचार हो रहा था। इसका वर्तमान नाम दयाल सिंह मजी‌ठीया के नाम पर रखा गया है। कालेज वेबसाइट के अनुसार मजीठीया ने 1895 में एक शैक्षणिक ट्रस्ट भी बनाया था जो पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष कालेज होगा। बाद में इसी ट्रस्ट ने दयाल सिंह कालेज की स्थापना की। वहीं भाजपा नेता ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मां को सम्मान मिलेगा। 
 


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