इंदिरा कैंटीन के उद्घाटन पर राहुल गांधी की फिसली जुबान

punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2017 - 04:15 PM (IST)

बेंगलुरुः कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां कर्नाटक सरकार की गरीबों का सस्ता खाना उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना 'इंदिरा कैंटीन' का उद्घाटन किया। इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जो हंसी का पात्र बन गया। कैंटीन लॉन्च करने के बाद राहुल जब भाषण दे रहे थे, तब उनकी जुबान फिसली और उन्होंने इंदिरा कैंटीन को अम्मा कैंटीन बोल दिया। राहुल ने कहा कि हर किसी को 'अम्मा कैंटीन' का फायदा उठाना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने इसे ठीक करते हुए इंदिरा कैंटीन कहा। राहुल ने कैंटीन को लॉन्च करते हुए यहां खुद भी खाना खाया।
 

मैं चाहता हूं कोई भूखा न रहे
राहुल ने कहा कि मुझे खुशी है कि अब यहां से कोई भी भूखा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इंदिरा कैंटीन‘ सभी को भोजन मुहैया कराने की कांग्रेस की वचनबद्धता की दिशा में एक और कदम है। इस शुरुआत के लिए कर्नाटक सरकार को बधाई देते हुए गांधी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि बेंगलुरु में कोई भी व्यक्ति भूृखा न रहे। कैंटीन में पांच रुपए में नाश्ता और 10 रुपए में शाकाहारी भोजन मिलेगा। कुछ समय बाद राज्य के अन्य शहरों में भी कैंटीन खोली जाएगी।

 

 

97 कैंटीन महात्मा गांधी के जन्मदिन पर खुलेंगी
राहुल ने कहा कि हमारा उद्देश्य इंदिरा कैंटीन के जरिए सस्ती दर पर बेंगलुरु के महंगे रेस्त्रा में मिलने वाला गुणवत्तायुक्त खाना उपलब्ध कराया जाए। बेंगलुरु में कुल 198 वार्ड हैं शुरुआती चरण में 101 निगम वार्डों में यह कैंटीन खोली जाएगी। शेष 97 कैंटीन महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन के मौके पर 2 अक्तूबर को खोली जाएंगी।  कर्नाटक के 2017-18 के बजट में बेंगलुरु के सभी 198 वार्डों में इंदिरा कैंटीन खोलने के लिये 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

 

 

 

 

J&K में मोदी ने बनाया  नफरत का माहौल
राहुल ने कहा कि मंत्री भारत के लोगों की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं और अब समय आ गया है जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की तरह ‘काम करना’ शुरू कर देना चाहिए। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी की नीति से पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में ‘दुर्व्यवहार’ का मौका मिला। मोदी ने जम्मू-कश्मीर में नफरत और गुस्से का ‘माहौल’ बनाया है।

वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम सिद्धारमैय्या ने इस मौके पर कहा कि इंदिरा कैंटीन के जरिए राज्य को भूख मुक्त और लोगों विशेष कर श्रमिकों और दूसरे प्रदेश से आए गरीबों को सस्ता खाना उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। बता दें कि कर्नाटक में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।

 

 

 


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