एक देश एक चुनावः नहीं बनी बात, सरकार के प्रस्ताव पर बंटी संसदीय समिति

punjabkesari.in Monday, Jan 22, 2018 - 08:54 PM (IST)

नई दिल्लीः संसदीय समिति देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के सवाल पर बंट गई है। विपक्ष ने एक देश एक चुनाव के सवाल पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए तो राजग सदस्यों ने इसे राष्ट्रहित के लिए जरूरी बताया। एेसे में इस मसले पर आम राय नहीं बनने से कमेटी की ओर से रिपोर्ट पेश करने में देरी हो सकती है। 

हालांकि, सरकार की मंशा इसी बजट सत्र में समिति की रिपोर्ट पर संसद में चर्चा कराने की थी, लेकिन ताजा बैठक में कोई परिणाम न निकलने से इस सत्र इस पर बहस कराना संभव नहीं हो सकेगा। भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव की अगुवाई वाली संसदीय समिति की सोमवार को हुई बैठक में इस सवाल पर सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। 

विधानसभाओं के कार्यकाल अगल-अलग
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के आनंद शर्मा, भाकपा के डी राजा, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, एनसीपी के तारिक अनवर ने इस प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। इन सदस्यों का कहना था कि अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में इतना अधिक अंतर है कि इस प्रस्ताव पर आगे ही नहीं बढ़ा जा सकता। 

चुनाव के चलते बाधित नहीं होगा विकास 
हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से खुद समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र यादव, प्रभात झा, मीनाक्षी लेखी, राजीव प्रताप रूडी ने प्रस्ताव को देशहित में बताते हुए इसका समर्थन किया। इन सदस्यों का कहना था कि एक साथ चुनाव होने से जहां साल में कई चुनाव होने के दौरान लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता के कारण विकास कार्य ठप हो जाते हैं, वहीं एक साथ चुनाव बहुत कम खर्च पर कराया जा सकता है।  

राष्ट्रव्यापी बहस कराए जाने की जरूरत
इस बार एक साथ चुनाव कराने की बहस खुद प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की की थी।उन्होंने कई मंचों पर इसकी वकालत करते हुए इस पर राष्ट्रव्यापी बहस कराए जाने की जरूरत बताई थी। इसके अलावा संसदीय दल की बैठक में भी मोदी ने इसे बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया था।


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