मालदीव को ऐसे अपने पक्ष में की कोशिश में भारत

punjabkesari.in Friday, Jul 28, 2017 - 01:49 PM (IST)

नई दिल्ली (रंजीत कुमार): मालदीव में जनतंत्र का गला घोंटे जाने की अमरीका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों ने भर्त्सना की है लेकिन भारत इस पर सीधी टिप्पणी करने से यह कह कर परहेज कर रहा है कि मालदीव हिंद महासागर में भारत का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है। मालदीव की संसद में विपक्षी सदस्यों को प्रवेश करने से राष्ट्रपति यामीन गयूम की सेना द्वारा रोके जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने केवल इतना ही कहा कि हम मालदीव के साथ रिश्तों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। हम ऐसा मालदीव चाहते हैं जहां सभी पक्षों की आकांक्षएं पूरी हों। प्रवक्ता ने कहा कि हम मालदीव में जनतंत्र के विकास में सहयोग देने को प्रतिबद्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि मालदीव की संसद के स्पीकर के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा  सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिशों को राष्ट्रपति यामीन ने फौज का इस्तेमाल कर विफल करवा दिया। मालदीव की फौज ने संसद के गेट पर ताला लगा दिया और सांसदों को अंदर जाने से रोका। पर्यवेक्षकों का मानना है कि राष्ट्रपति यामीन को डर था कि स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव यदि पारित हो गया तो उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। विपक्षी दलों का दावा है कि 85 सदस्यों के सदन में उनका बहुमत हो गया है।

मालदीव के अस्थिर घरेलू राजनीतिक हालात का फायदा उठा कर चीन पाकिस्तान जैसी ताकतें राष्ट्रपति यामीन के साथ अपनी करीबी बढा रहे हैं जिससे भारत के लिये सामरिक चिंताएं पैदा हो गईं हैं। राष्ट्रपति यामीन ने पांच साल पहले सत्ता हथियाई थी और तब से वह गैरजनतांत्रिक तरीके से सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहे हैं । इस दौरान मालदीव ने चीन और सऊदी अरब को कुछ द्वीप लीज पर दिए हैं जो भारत के लिए बड़ीं चिंता की बात है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News