कश्मीर के मासूम लोगों को जिहाद की आग में झोंकने वालों के  खुद के बच्चे रहते हैं इन सबसे दूर

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 03:44 PM (IST)

श्रीनगर: कश्मीर के मासूम लोगों को जिहाद के नाम पर हिंसा की आग में धकेलने वाले अलगाववादियों का अलग ही चेहरा है। वे जहां एक तरफ आजादी के नाम पर कश्मीर के मासूम बच्चों और किशोरों का भविष्य खराब कर रहे हैं और उन्हें हिंसा व पत्थराव का रास्ता दिखा रहे हैं वहीं उनके अपने बच्चे इन सबसे बहुत दूर एक सामान्य जिन्दगी जी रहे हैं। हम आपको बताते हैं कि अलगाववादी नेताओं के बच्चे क्या कर रहे हैं..


सईद अली शाह गिलानी
सईद अली शाह गिलानी अपनी सर्दियां दिल्ली में बिताते हैं क्योंकि उनको कश्मीर का सर्द मौसम रास नहीं आता है। उनके बड़े बेटे नईम और उनकी बीवी दोनों ही डाक्टर हैं। वे पाकिस्तान में रहते हैं। गिलानी का दूसरा बेटा जहूर दिल्ली में परिवार के साथ रहता है। जहूर का बेटा इजहार दुबई में रहता है और गिलानी की बेटी फरहत की शादी जिद्दाह में हुई है।


सईद सलाहउदीन
कुछ लोगों को लगता है कि सलाहउदीन पाकिस्तानी है पर ऐसा नहीं है। वो जम्मू कश्मीर का निवासी है। मौजूद समय में पाकिस्तान में रहता है। सलाहाउदीन के सात बच्चे हैं। कोइ भी पत्थरबाज या आतंकी नहीं है और न ही अलगाववादी है। बड़ा बेटा शकील युसूफ श्रीनगर में मेडिकल सहायक है। दूसरा बेटा जावेद शिक्षा विभाग में काम करता है। तीसरा बेटा शाहिद शेरे कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय में स्कालर है। चौथा बेटा वाहिद डाक्टर है और सबसे छोटा मुनीद इंजीनियर है। बड़ी बेटी नसीमा सरकारी टीचर है और छोटी बेटी अखतरा आर्ट टीचर है।


आसिया अन्द्राबी
बुरके में रहने वाली अलगाववादी नेता आसिया को लायन लेडी कहा जाता है। आसिया के दो बेटे हैं मोहम्मद बिल कासिम और अहमद बिन कासिम। बड़ा बेटा अस्टे्रलिया में पढ़ रहा है और छोटे के लिए भी आसिया वीजा चाहती हैं ताकि बाहर भेजा जा सके।


मसरत आलम
मसरत आलम को पूरा देश जानता है। पीएसए के तहत जम्मू की जेल में बंद मसरत युवाओं को भडक़ाते हैं और उनसे नारे लगवाते हैं और पत्थराव करवाते हैं पर खुद के बच्चे ऐसा नहीं करते हैं। उन्होंने जिहाद से अपने बच्चों को दूर रखा है।


मीरवायज उमर फारूक
उदारवादी हुरिर्यत के नेता मीरवायज की अलग ही छवि है। उन्होंने शादी ही अमरीका में कर रखी है। उनकी बीवी अमरीकी नागरिक है और वहीं रहती है।
और भी ऐसे कई नेता हैं जो खुद को जिहाद का प्रतिनिधि कहते हैं और कश्मीर के मासूम लोगों को जिहाद के नाम पर गुमराह कर रहे हैं लेकिन उनका परिवार इस सबसे दूर आराम की जिन्दगी जी रहा है।
 


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