खिचड़ी विवाद: भगवान जगन्नाथ को बहुत पहले से ‘खिचड़ी’ चढ़ाई जाती है

punjabkesari.in Saturday, Nov 04, 2017 - 12:38 AM (IST)

भुवनेश्वर: ‘खिचड़ी’ को राष्ट्रीय व्यंजन का दर्जा दिए जाने के विवाद के बीच ओडि़शा में जगन्नाथ संस्कृति के शोधार्थियों ने शुक्रवार को दावा किया कि पुरी मंदिर के भगवान जगन्नाथ को कई सालों से यह व्यंजन दिया जाता रहा है। सोशल मीडिया पर खिचड़ी को राष्ट्रीय व्यंजन का दर्जा दिए जाने की अफवाहों के बीच केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने स्पष्ट किया कि खिचड़ी को राष्ट्रीय व्यंजन घोषित नहीं किया गया है, बल्कि यह केवल एक रिकार्ड बनाने के लिए किया गया था।

उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से शुरू हुए वल्र्ड फूड इंडिया-2017 समारोह में करीब 800 किलोग्राम खिचड़ी बनाई जाएगी। देश के प्रसिद्ध व्यंजन विशेषज्ञ संजीव कपूर यह खिचड़ी बनाएंगे। इस समारोह में देश की खाद्य प्रसंस्करण और इससे संबंधित क्षेत्रों की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा। जगन्नाथ मंदिर के पूर्व प्रशासक रबि नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘उडिय़ा में खिचड़ी को खेचुड़ी कहते हैं और भगवान जगन्नाथ को बहुत पहले से यह व्यंजन दिया जा रहा है।

भगवान को ‘सकाल धूप’ (सुबह का खाना) में कम से कम पांच प्रकार की खिचड़ी दी जाती है।’’ लेखों के मुताबिक 12वीं सदी से पुरी मंदिर में कम से कम पांच प्रकार की खेचुड़ी पकाई जाती है। खिचड़ी के इन पांच प्रकारों में टाटा खेचुड़ी, नुखुरा खेचुड़ी, तैला खेचुड़ी, साना खेचुड़ी और मजुरि खेचुड़ी शामिल हैं।

मिश्रा ने बताया कि भगवान को प्रतिदिन कई प्रकार की खेचुड़ी परोसी जाती है। माना जाता है कि कणिका खेचुड़ी, जिसे मीठी खिचड़ी भी कहा जाता है, भगवान जगन्नाथ की पसंदीदा खिचड़ी है। इसमें चावल को दालचीनी, लौंग, तेज पत्ता, इलायची, मूंगफली, काजू, किशमिश और एक चुटकी हल्दी के साथ पकाया जाता है। इस खिचड़ी में मसालों के इस्तेमाल से यह खुशबूदार हो जाती है।  


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