CBSE 12th Result 2017: ग्रेस मार्क्स पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट लेट, आज दोपहर बाद होगा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2017 - 11:55 AM (IST)

नई दिल्ली : सीबीएसई के 12वीं क्लास के छात्रों को रिजल्ट के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्रों को नंबर बढ़ाकर देने की सीबीएसई की पॉलिसी को जारी रखने का निर्देश दिया है। एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर ने CBSE के चेयरमैन को आज दोपहर को बुलाया है। इस मीटिंग के बाद ही तय होगा कि रिजल्ट किस तारीख को जारी किया जाए। 

क्या है मॉडरेशन नीति 
मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को खास प्रश्नपत्र में सवालों के कठिन प्रतीत होने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाते थे।  बताया जा रहा था कि कॉलेज एडमिशन में बढ़ते कॉम्पिटीशन और 95 फीसदी से अधिक नंबर स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसा फैसला लिया गया था। 

ग्रेस मार्क्स पर फैसले में क्या कहा हाईकोर्ट ने
इस फैसले से इस साल परीक्षा देने वाले 12वीं कक्षा के करीब 11 लाख छात्रों व 10वीं कक्षा के 9 लाख छात्रों को लाभ मिलेगा। एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व जस्टिस  प्रतिभा एम सिंह की बेंच ने कहा कि जब इस साल 12वीं कक्षा के लिए छात्र परीक्षा दे चुके हैं तो ऐसे में यह पॉलिसी बदली नहीं जा सकती।  सीबीएसई इस पॉलिसी को फिलहाल उन छात्रों के लिए जारी रखे जो इस वर्ष एग्जामिनेशन फार्म जमा कर चुके हैं। जब परीक्षा फार्भ भरे जाते हैं तो सभी को पता होता है कि इसके नियम क्या हैं। जब खेल शुरू हो चुका हो तो नियम बदले नहीं जा सकते। बेंच ने कहा कि छात्रों को असुरक्षा की भावना पैदा न कीजिए।

अदालत अभिभावकों व कुछ वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई ने ग्रेस मार्क्स देने संबंधी अपनी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया है। यह गलत है और इससे 12वीं कक्षा के उन छात्रों पर खास तौर पर असर पड़ेगा जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय या विदेशों में दाखिले के लिए आवेदन किया है। याची का तर्क था कि केरल, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि कुछ राज्यों ने नई नीति को अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 सत्र से लागू करने का फैसला लिया है। ऐसे में इस पर रोक लगाई जाए। याची के अनुसार सीबीएसई ने इस वर्ष 12 वीं की परीक्षा के बाद नई नीति बनाई है। जिसमें ग्रेस मार्क्स न देने की बात कही गई है।  इस नीति से 12 वीं कक्षा के छात्रों के अंक कम हो जाएंगे। उन्हें कॉलेज में दाखिला लेने में दिक्कत होगी। 

22 मई को अदालत ने मॉडरेशन पालिसी खत्म करने पर सीबीएसई के प्रति नाराजगी जताई थी। पॉलिसी खत्म करने को लापरवाहपूर्ण व अन्यायपूर्ण फैसला कहा था। अदालत ने कहा था कि सीबीएसई क्यों नहीं अपनी नई नीति का अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में लागू करती अब कुछ दिनों में ही 12 कक्षा के नतीजे आने वाले हैं। 

9 मार्च 2017 से 29 अप्रैल 2017 के बीच आयोजित की गई थी परीक्षा
इस साल 10वीं क्‍लास की परीक्षाएं 9 मार्च 2017 से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चली थीं, वहीं 12वीं की परीक्षाएं 9 मार्च 2017 से 29 अप्रैल 2017 के बीच आयोजित की गई थीं। इस साल सीबीएसई की दसवीं क्‍लास की बोर्ड परीक्षा में 8,86,506 छात्रों ने हिस्‍सा लिया था, जो पिछले साल की तुलना में 15.73 प्रतिशत अधिक थी। वहीं, 12वीं कक्षा की परीक्षा में 10,98,981 छात्रों ने हिस्‍सा लिया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.82 फीसदी ज्‍यादा थी।  देश भर में 16,363 केंद्रों पर कक्षा दस और 10,678 केंद्रों पर 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का आयोजन किया गया था। 


 


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