शिवलिंग के खंडित होने पर भी 150 वर्षों से हो रही है पूजा, जानें इसका राज

punjabkesari.in Saturday, Jul 29, 2017 - 11:24 AM (IST)

देवी-देवताअों की खंडित प्रतिमा को घर में रखना अौर उनकी पूजा-अर्चना करना अशुभ होता है। लेकिन झारखंड के गोइलकेरा में एक ऐसा शिवलिंग है, जिसके 2 टुकड़ों की पूजा की जाती है। पिछले 150 सालों से इस खंडित शिवलिंग की पूजा की जा रही है। 
PunjabKesari
एक कथा के अनुसार आजादी से पहले झारखंड के गोइलकेरा में रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा था। खुदाई के दौरान वहां से एक शिवलिंग निकला। जिसके बाद मजदूरों ने खुदाई का काम बंद कर दिया। वहां मौजूद अंग्रेज इंजीनियर ने शिवलिंग को केवल पत्थर मानते हुए प्रहार किया। जिसके बाद शिवलिंग के दो टुकड़े हो गए। लेकिन शाम को वापस लौटते हुए इंजीनियर की रास्ते में मौत हो गई।
PunjabKesari
इस घटना के बाद मजदूरों अौर ग्रामीणों ने रेलवे लाइन की खुदाई दूसरी अौर से करने की मांग की। अंग्रेज अधिकारी नहीं माने, लेकिन बाद में रेलवे लाइन की दिशा को बदल दिया।

जहां खुदाई के दौरान शिवलिंग निकला था, वहां आज देवशाल मंदिर है। मंदिर के गर्भगृह में खंडित शिवलिंग स्थापित है। जबकि शिवलिंग का दूसरा टुकड़ा वहां से दो किलोमीटर दूर रतनबुर पहाड़ी पर ग्राम देवी ‘मां पाउडी’ के साथ स्थापित है। जहां नियमित रूप से पूजा होती हैं। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News