उत्पन्ना एकादशी व्रत: श्री हरि के पूजन व व्रत से सभी तीर्थों के समान फल की होगी प्राप्ति
punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 07:42 AM (IST)
आज मंगलवार दि॰ 14.11.17 को मार्गशीर्ष कृष्ण ग्यारस के उपलक्ष्य में उत्पन्ना एकादशी पर्व मनाया जाएगा। उत्पन्ना शब्ध उत्पत्ति से बना है जिसका अर्थ है किसी वस्तु या प्राणी का जन्म लेना। पद्मपुराण में श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस एकादशी के बारे बताते हुए कहा है की सत्ययुग में मुर नामक दानव ने देवराज इंद्र को पराजित कर स्वर्ग पर आधिपत्य जमा लिया था। इस पर देवताओं ने क्षीरसागर जाकर शेषनाग पर योग-निद्रालीन श्रीहरि की स्तुति कर साहयता मांगी। देवताओं के अनुरोध पर श्रीहरि ने मुरदैत्य की सेना पर आक्रमण कर सैकड़ों असुरों का संहार किया व बदरिकाश्रम जाकर सिंहावती गुफा में निद्रालीन हो गए। मुरदैत्य ने श्रीहरि को मारने के उद्देश्य से जैसे ही सिंहावती गुफा में प्रवेश किया, वैसे ही श्रीहरि से दिव्य अस्त्र-शस्त्रों से युक्त अति रूपवती कन्या उत्पन्न हुई। रूपवती कन्या ने अपने हुंकार से मुरदैत्य को भस्म कर दिया। प्रसन्नचित श्रीहरि ने एकादशी नामक उस कन्या को मनोवांछित वरदान देकर उसे अपनी प्रिय तिथि घोषित कर दिया। इसी उत्पत्ति से इस एकदसजी का नाम उत्पन्ना पड़ा। इस दिन श्रीहरि के विशेष पूजन व उपाय से जीवन में वैभव आता है। अशांति से मुक्ति मिलती है। पारिवारिक कलह समाप्त होती है।
पूजन विधि: श्रीहरि का षोडशोपचार पूजन करें। गौघृत में का दीपक करें, चंदन से धूप करें, गैंदे का फूल चढ़ाएं। रोली चढ़ाएं। रबड़ी व सेब चढ़ाएं, तथा लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र से का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग किसी ब्राह्मण को दान करें।
पूजन मुहूर्त: शाम 18:00 से शाम 19:00 तक।
चंद्र पूजन मुहूर्त: प्रातः 10:44 से दिन 11:44 तक।
पूजन मंत्र: ॐ मुरा-रातये नमः॥
आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:44 से दिन 12:26 तक।
आज का अमृत काल: नहीं है।
आज का राहु काल: दिन 14:44 से शाम 16:04 तक।
आज का गुलिक काल: दिन 12:05 से दिन 13:25 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 09:26 से प्रातः 10:45 तक।
यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर: बसंती।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।
आज का गुडलक मंत्र: ॐ बादरायणाय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: प्रातः 10:45 से प्रातः 11:45 तक।
आज का बर्थडे गुडलक: अशांति से मुक्ति हेतु श्रीहरि पर सिंदूर चढ़ाएं।
आज का एनिवर्सरी गुडलक: पारिवारिक कलह के मुक्ति हेतु श्रीहरि पर गुग्गल से धूप करें।
गुडलक महागुरु का महा टोटका: वैभवशाली जीवन हेतु श्रीहरि पर चढ़े लाल चंदन से मस्तक पर तिलक करें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com