रेलवे में ज्वाइनिंग के लिए फर्जी अप्वाइंटमैंट लैटर लेकर पंहुचा युवक, इस कारण हुआ शक

punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 09:12 AM (IST)

चंडीगढ़ (लल्लन): फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर कमर्शियल क्लर्क पद पर ज्वाइंनिग करने के लिए दिल्ली से आए युवक को स्टेशन अधीक्षक की मुस्तैदी के चलते काबू कर लिया गया। जांच में सामने आया कि इस पद पर ज्वाइंनिग करने के लिए आए युवक के पास ज्वाइनिंग लैटर, मैडीकल सर्टीफिकेट सहित अन्य सभी जरूरी दस्तावेज थे। युवक बार-बार जांच एजैंसी को यह बात कह रहा है कि फैसबुक पर दिल्ली के ही रहने वाले एक व्यक्ति से उसकी दोस्ती हुई थी और उसने ही उसे दिल्ली में यह सारे दस्तावेज देकर यहां ज्वाइन करने के लिए भेजा है।

 

जी.आर.पी. ने आरोपी को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। सभी दस्तावेजों को गहनता से जांच के लिए अंबाला मंडल भेजा गया है। जहां से रिपोर्ट आने के बाद जी.आर.पी. अगली कार्रवाई करेगी। वहीं, आर.पी.एफ. के थाना प्रभारी रमेश कुमार की जांच में सामने आया है कि युवक द्वारा दिखाए गए मैडीकल सर्टीफिकेट भी फर्जी हैं। उसने जिस अस्पताल का मैडीकल सर्टीफिकेट लगाया है, वहां पर मैडीकल ही नहीं किया जाता। 

 

इस कारण हुआ शक
शुक्रवार 10 बजे दिल्ली से राहुल उप्पल नामक के युवक चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर कमॢशयल क्लर्क की पोस्ट पर ज्वाइन करने के लिए स्टेशन अधीक्षक टी.पी. सिंह के पास पहुंचा। बातचीत में स्टेशन अधीक्षक को दिल्ली रेलवे बोर्ड से सीधे चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर ज्वाइन करने की बात हजम नहीं हुई। उन्होंने राहुल से और जानकारी लेने की कोशिश की। उन्हें शक हुआ तो उन्होंने आर.पी.एफ. को जानकारी दी। टी.पी. सिंह ने बताया की कोई नई नियुक्ति के लिए स्टेशन पर पहले नहीं आता। रेलवे बोर्ड द्वारा पहले मंडल में भेजा जाता है। इसके बाद मंडल की ओर से अलग-अलग रेलवे स्टेशन पर नियुक्तियां की जाती हैं।


 

अप्वाइंटमैंट लैटर पर अधिकारी के साइन व पद फर्जी
जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी राहुल उप्पल के पास रेलवे का ज्वाइनिंग लैटर भी फेक पाया गया है। इस संबध में अधिकारियों का कहना है कि इस पर सी.पी.ओ. (आई.आर.)जे.के.पी. सिंह के साइन हैं लेकिन जिस अधिकारी का नाम व पद है, वह रेलवे इस्ट्रीयल रीजन का होता हैं। उससे कमॢशयल विभाग से कोई लेना-देना नहीं होता। आरोपी द्वारा दिखाए गए मैडीकल सर्टीफिकेट भी फर्जी पाया गया है। सर्टीफिकेट पर सैंट्रल हॉस्पिटल के डाक्टर के साइन हैं। 

 

जब आर.पी.एफ. ने पूछताछ की तो पता चला की फेसबुक पर मिले हुए व्यक्ति ने आरोपी को हस्पताल के बाहर बैठा दिया और थोड़ी देर के बाद एक व्यक्ति आया और उसने चैक करके सर्टीफिकेट दे दिया। जब आर.पी.एफ की ओर से दिल्ली अस्पताल में फोन किया गया तो पता चला की न तो साइन किए हुए नाम का डाक्टर है और न ही सैंट्रल अस्पताल में मैडीकल सर्टीफिकेट ही बनता है। 
 
 

फेसबुक पर डाली थी जॉब की रिक्वैस्ट 
राहुल उप्पल ने बताया कि वह दिल्ली के बाली नगर का रहने वाला है और उसने बी.ए. तक पढाई की हैं। इन दिनों बैंकिंग क्षेत्र में जाने के लिए तैयारी कर रहा है। वह दिल्ली के मुखर्जी नगर में बैंकिंग की कोचिंग ले रहा है। इसी के दौरान जॉब को लेकर फेसबुक पर रिक्वैस्ट डाली थी। दिल्ली के एक रहने वाले व्यक्ति ने नौकरी देने की बात कही।


 


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