IT विभाग की चेतावनीः 31 मार्च से पहले दें कालेधन की जानकारी
punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 03:21 PM (IST)
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने आज कालेधन वालों को आगाह करते हुए कहा है कि उसके पास उनके द्वारा बैंकों में जमा कराई गई बेहिसाब नकदी के बारे में जानकारी है। विभाग ने सलाह दी कि कालेधन वालों को पाक साफ होकर निकलने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पी.एम.जी.के.वाई.) का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा नहीं करने वालों से जमा राशि का 137 फीसदी तक वसूला जा सकता है।
31 मार्च तक खुली है विंडो
पी.एम.जी.के.वाई. के तहत विंडो 31 मार्च को बंद हो रही है। विज्ञापन में कहा गया है कि आयकर विभाग के पास आपके डिपॉजिट के बारे में जानकारी है। विभाग ने यह भी कहा है कि जो भी इस स्कीम के तहत अपने ब्लैक एसेट्स और फंड्स का खुलासा करता है उसकी ‘गोपनीयता सुनिश्चित’ की जाएगी।
जानकारी न देने पर होगी कठोर कार्रवाई
विज्ञापन में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि योजना के तहत कालेधन की जानकारी नहीं देने वालों को बेनाम कानून के तहत कठोर कार्रवाई का सामना करना होगा। यहां तक कि उनके नाम ईडी और सी.बी.आई. जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के साथ सांझा कर दिए जाएंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जो लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ लेते हुए अपनी काली कमाई उजागर नहीं करेंगे, उन्हें जमा राशि पर 137 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है। उनके मुताबिक, विभाग ऐसे डिफॉल्टरों पर नए बेनामी लेनदेन कानून के तहत कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकेगा।
स्कीम का क्या है फायदा
- अधिकारी ने बताया कि पी.एम.जी.के.वाई. का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति या कंपनी को इनकम पर 49.9 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।
- वहीं, जो इस स्कीम का इस्तेमाल नहीं करता है लेकिन अपने इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी ब्लैक इनकम देता है तो उस पर 77.25 फीसदी का टैक्स और पेनाल्टी लगेगा।
- इसके अलावा, स्कीम के तहत फंड का खुलासा नहीं करने और स्क्रूटनी एसेसमेंट में अघोषित इनकम मिलने वाले पर 83.25 फीसदी का टैक्स रेट लगेगा।
- यदि कोई व्यक्ति पी.एम.जी.के.वाई. के तहत खुलासा नहीं करता और उस पर रेड पड़ती है तो 1;7.25 फीसदी टैक्स और पेनाल्टी लगेगी।
- इतना ही नहीं, सर्च के दौरान इस तरह की इनकम को सरेंडर नहीं करने और छुपाने वाले पर 137.25 फीसदी का टैक्स और पेनाल्टी लगेगी।
बेनामी कानून में दोषियों को सजा
बेनामी कानून में दोषियों को 7 साल तक की कैद से दंडित करने का प्रावधान है। इसके अलावा, उस पर आयकर कानून के तहत भी मुकदमा चल सकता है। साथ ही, उस पर बेनामी संपत्ति के उचित बाजार मूल्य का 25 फीसदी और दूसरे जुर्माने भी भरने होंगे। गौरतलब है कि सरकार ने नोटबंदी के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत कुल घोषित काले धन का एक चौथाई हिस्सा 4 साल के लिए बिना ब्याज के सरकार के पास जमा रखने की बाध्यता है। यह योजना पिछले साल 17 दिसंबर को शुरू हुई।