रीयल एस्टेट में GST को स्टांप शुल्क और कम टैक्स के साथ लाया जाए: एसोचैम

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2017 - 05:34 PM (IST)

हैदराबादः यदि रीयल एस्टेट क्षेत्र को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे के तहत लाया जाए तो इसे स्टांप शुल्क और कर की कम दर के साथ लाया जाना चाहिए। साथ ही इसे आवास की लागत और निर्माण के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। 

उद्योग मंडल एसोचैम ने यह बात कही। एसोचैम ने कहा कि केंद्र सरकार रीयल एस्टेट क्षेत्र को जी.एस.टी. के तहत लाने के पक्ष में लेकिन इस पर राज्यों के साथ भी सहमति बनानी होगी क्योंकि इससे उनके राजस्व जुड़ा है।  एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि रीयल्टी क्षेत्र को स्टांप शुल्क और संपत्ति कर जैसे अन्य करों के बिना जी.एस.टी. में शामिल किया जा सकता है। इससे किसी उद्देश्य का हल नहीं होगा बल्कि भ्रम बढ़ेगा।

रावत ने कहा कि यदि इस क्षेत्र को बढ़ावा देना है तो इसे जी.एस.टी. के तहत स्टांप शुल्क और कर की कम दर के साथ लाया जाना चाहिए और इसे आवास या निर्माण की लागत में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘इससे वास्तव में मांग बढ़ेगी। किसी भी हालत में सीमेंट को 28त्न की श्रेणी में रखे रहना उचित नहीं ठहराया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम, इलैक्ट्रिसिटी और शराब को भी जीएसटी के तहत लाने की वकालत की।


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