जलवायु परिवर्तन से हर साल भारत को करोड़ों का नुकसान

punjabkesari.in Friday, Aug 18, 2017 - 02:20 PM (IST)

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन से भारत बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहा है। सरकारी आकड़े के अनुसार देश में जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल लगभग 9-10 अरब डॉलर खर्च हो रहा है। इसके साथ ही 2020 के अंत तक जलवायु में भारी परिवर्तन के अनुमान है जो गंभीर रुप से कृषि उत्पादकता को प्रभावित करेंगे। हाल ही में संसदीय समिति में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कृषि मंत्रालय ने कहा कि प्रमुख फसलों की उत्पादकता अगले कुछ सालों में सीमित हो जाएगी, लेकिन अगर विशेष रुप से जलवायु परिवर्तन न हो तो 2100 तक बढ़कर 10-40 फीसदी हो सकती है।

भारत बन जाएगा दूध और दालों का प्रमुख आयातक
किसानों को गेहूं, चावल, तिलहन, दालों, फलों और सब्जियों की पैदावार के लिए जलवायु परिवर्तन के अनूकूल अलग-अलग फसलों के पैटर्न को अपनाने की जरूरत होगी। अगर जलवायु परिवर्तन में और अधिक गिरावट आई तो यह भारत को दूध और दालों का प्रमुख आयातक बना देगा। 2030 तक, 2016-17 में अनुमानित उत्पादन से 65 लाख टन अधिक अनाज की आवश्यकता हो सकती है। हाल के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि "भारत में चरम मौसम परिवर्तन की घटनाओं के कारण सालाना 9-10 अरब अमरीकी डॉलर का नुक्सान है। इनमें से लगभग 80% का नुक्सान अस्पष्ट है।"
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इन फसलों की पैदावार होगी बेहतर
मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा कि हालांकि ज्यादातर फसल के उत्पादन में कमी देखी जा सकती है लेकिन जलवायु परिवर्तन में सोयाबीन, चना, मूंगफली, नारियल (पश्चिमी तट में) और आलू (पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में) की पैदावार को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। बहरहाल, आलू का उत्पादन शेष भारत में, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल और दक्षिणी पठार क्षेत्र में घट जाएगा।


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