अंडमान में द्वीपों का नाम बदलने का उद्देश्य लोकप्रियता हासिल करना: ममता बनर्जी

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 10:16 PM (IST)

कोलकाता, 23 जनवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंडमान निकोबार के कुछ द्वीपों का नाम बदलने की केंद्र की कवायद पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि इस तरह की पहल महज लोकप्रियता हासिल करने के लिए की गई है।

उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने खुद ही 1943 में दो द्वीपों के नाम क्रमश: ‘शहीद’ और ‘स्वराज’ रखे थे।

नेताजी की 126वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किये जाने के बाद ममता बनर्जी की यह प्रतिक्रिया आई।

बनर्जी ने कहा, ‘‘आज केवल लोकप्रियता हासिल करने के लिए कुछ लोग द्वीपों का नाम शहीद और स्वराज रखे जाने का दावा कर रहे हैं...लेकिन यह सच नहीं है। नेताजी ने सेलुलर जेल का दौरा करने के दौरान इन द्वीपों के ये नाम रखे थे।’’
उल्लेखनीय है कि 2018 में, अंडमान में नील और हैवलॉक द्वीप के नाम केंद्र ने क्रमश: शहीद और स्वराज कर दिये थे। रॉस द्वीप का नाम भी बदल कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया।

ममता ने केंद्र पर महान स्वतंत्रता सेनानी द्वारा परिकल्पित योजना आयोग को खत्म करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘नेताजी ने देश के भविष्य का खाका तैयार करने के लिए योजना आयोग का गठन किया था। लेकिन आज यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे पास कोई योजना नहीं है। योजना आयोग को खत्म कर दिया गया। क्या आप मुझे बता सकते हैं ऐसा क्यों किया गया? यदि किसी को कुछ पता हो तो मैं उनसे इसका कारण मुझे बताने का अनुरोध करती हूं क्योंकि मैं उतनी ज्ञानी नहीं हूं।’’
स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया।

मुख्यमंत्री ने कई गणमान्य लोगों और बोस के परिवार के सदस्यों के साथ रेड रोड कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।

ममता ने केंद्रीय योजना के क्रियान्वयन सहित विभिन्न कारणों को लेकर टीम बंगाल भेजने के लिए भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में इसकी जांच के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने पिछले तीन महीनों में पश्चिम बंगाल में 50 केंद्रीय टीम भेजी है। यदि एक कॉकरोच भी किसी को काट लेता है तो बंगाल में केंद्रीय टीम भेज दी जाती है। इस तरह की कितनी टीम आपने उत्तर प्रदेश में भेजी है?’’
मुख्यमंत्री ने भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने को लेकर हैरानगी जताई। सेंगर को उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।



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