भारत, बांग्लादेश मामूली घटनाएं नजरअंदाज करें, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जारी रखें: सुरक्षा विशेषज्ञ

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 10:13 AM (IST)

कोलकाता, 14 अगस्त (भाषा) दक्षिण एशिया और आतंकवादी मामलों के सुरक्षा विश्लेषक एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी शांतनु मुखर्जी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश को मामूली घटनाओं को नजरअंदाज करना चाहिए और अपने करीबी संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान देने के साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त युद्ध जारी रखना चाहिए।

मॉरीशस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके मुखर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि दोनों देशों को बाहरी तत्वों से रक्षा करने की भी जरूरत है, जो दोनों पक्षों के हितों को अस्थिर कर सकते हैं। मुखर्जी ने आगाह किया, ‘‘कुछ बाहरी ताकतें दोनों देशों के बीच, खासतौर से धार्मिक आधार पर वैर भाव पैदा करने की अक्सर कोशिश करती हैं। भारत को ऐसी कोशिशों से सतर्क रहना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत विरोधी भावनाओं का प्रचार करने वाले देशों सहित विभिन्न ताकतों द्वारा दुश्मनी की भावनाओं को हवा दी जाती है। मुखर्जी ने ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के प्रति तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन के समर्थन के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि अगर इस तरह के संगठन ‘‘इसके धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बर्बाद करने’’ के लिए इस क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं तो भारत को ‘‘परिणाम’’ का सामना करना पड़ सकता है।

वर्ष 1971 में बांग्लादेशियों की हत्या और बलात्कार में शामिल युद्ध अपराधियों को लेकर अतीत में पाकिस्तान के समान रुख अपनाने वाला तुर्की इस्लामी जगत में नेता के तौर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए पिछले काफी समय से विभिन्न पहल के जरिए ढाका को लुभाने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को हर हाल में अपनी सुरक्षा शर्तें बरकरार रखनी चाहिए। उसे अपने पड़ोस में धार्मिक कट्टरता को लेकर सतर्क रहना चाहिए। समय-समय पर पैदा होने वाले मतभेदों के बावजूद देशों को अपने संबंध मजबूत रखने चाहिए।’’ मुखर्जी ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच शत्रुता की भावना भड़काने के लिए सोशल मीडिया को भी संभावित हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सुरक्षा विशेषज्ञ ने हाल में बांग्लादेश के नरेल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा अपराधों की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत को अपने पड़ोसी के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहिए, लेकिन ‘‘उसे पड़ोसी देश में सभी गतिविधियों को अनदेखा करने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की तारीफ करते हुए उन्हें अनुभवी राजनेता बताया जिन्होंने पड़ोसियों के बीच न केवल संबंधों को मजबूत करने का काम किया बल्कि अपने देश को नयी ऊंचाइयों पर भी लेकर गयीं। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं की मुक्ति या धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को कायम रखने की बात हो, हसीना हमेशा सबसे आगे रही हैं। समय के साथ वह नेता के रूप में परिपक्व हुई हैं और राजनेता बन गई हैं। देश में अगले साल चुनाव होने हैं और हसीना के सत्ता में आने पर अपने पड़ोसियों के साथ उनसे संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद की जाती है, जिसमें अन्य देश भी शामिल हैं।’’ सीमा पार से घुसपैठ के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने कहा कि इसमें अब कमी आ रही है।

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PTI News Agency

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