विपक्षी नेता को अनुचित तरीके से निशाना बना रहे हैं: रॉय
punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2022 - 10:12 AM (IST)
कोलकाता, 14 अगस्त (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने रविवार को कहा कि पार्टी के दो नेताओं की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों के नेता पार्टी को अनुचित तरीके से निशाना बना रहे हैं।
रॉय ने इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में टीएमसी की एक बैठक के दौरान उस समय एक विवाद उत्पन्न कर दिया जब उन्हें एक कथित वीडियो क्लिप में यह कहते सुना गया कि ‘‘उन लोगों की चमड़ी उतारकर जूते बनाए जाएंगे जो मानते हैं कि वे विरोध की आड़ में पार्टी को बदनाम करके ऐसे ही निकल सकते हैं।’’
वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
भाजपा ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियों के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। टीएमसी सांसद ने बाद में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि उन्हें उक्त टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।
रॉय ने कहा, ‘‘अब मेरा मानना है कि ये टिप्पणियां मुझे नहीं करनी चाहिए थीं। हम किसी भी प्रकार के संवैधानिक या लोकतांत्रिक विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन जिस तरह से टीएमसी को बदनाम किया जा रहा है और विपक्षी दलों द्वारा हमारे नेताओं का नाम लिया जा रहा है, यह अनुचित है... यह अकारण मुकदमा चलाने जैसा है।’’
रॉय ने कहा, ‘‘किसी को भी 70 और 80 के दशक में नक्सलियों और वामपंथियों द्वारा विपक्षी दलों के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को नहीं भूलना चाहिए।’’
टीएमसी सांसद की चेतावनी का इशारा परोक्ष तौर पर भाजपा और माकपा कार्यकर्ताओं की ओर था, जो मवेशी तस्करी के एक मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी का जश्न मनाते हुए सड़कों पर उतरे थे।
कामरहटी विधानसभा क्षेत्र में बैठक के दौरान रॉय को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘हमें 2026 तक एक निर्णायक जनादेश दिया गया है। मैं विरोध की आड़ में टीएमसी को बदनाम करने वालों को चेतावनी दे रहा हूं कि अगर उन्हें लगता है कि वे एक जनता की सरकार के खिलाफ साजिश रचकर बच निकल सकते हैं तो (उन्हें पता होना चाहिए) हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी खाल का एक भाग छीलकर उससे जूते बनाएंगे। इसलिए अपने कृत्यों पर ध्यान देना।’’
टीएमसी के कमरहाटी विधायक मदन मित्रा ने निर्वाचन क्षेत्र में एक अन्य बैठक में कहा कि उनकी पार्टी पर कीचड़ उछालने की कोशिश करने वालों के साथ ‘‘लाठी से उचित व्यवहार किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिविर शुरू करें और उन्हें (पार्टी कार्यकर्ताओं को) सिखाएं कि हर मोहल्ले में लाठियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। अगर साजिशकर्ता एक छड़ी मारते हैं, तो उन पर दो वार करें। उन्हें लोगों की शक्ति का एहसास कराएं ताकि वे किसी लोकतांत्रिक सरकार, मां-माटी-मानुष के खिलाफ साजिश करने की हिम्मत न करें।’’
रॉय और मित्रा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के इस तरह के बयान के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।’’
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘इस तरह के घिनौने बयानों पर प्रतिक्रिया देना भाजपा की गरिमा से परे है। रॉय जैसे व्यक्ति से यह काफी अप्रत्याशित है, जिन्होंने अतीत में राजनीति में असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ बात की थी।’’
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि इन टिप्पणियों से पता चलता है कि टीएमसी नेता अब "डरे हुए" हैं, उनके दो वरिष्ठ सहयोगियों - पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल - को सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
चटर्जी को एक स्कूली भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और मंडल को कथित तौर पर एक मवेशी तस्करी मामले में जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी कहा, ‘‘जितना अधिक उनके अनैतिक कृत्य सामने आ रहे हैं, टीएमसी नेता उतने ही अधिक असंगत बयान दे रहे हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रॉय ने इससे पहले दिन में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में टीएमसी की एक बैठक के दौरान उस समय एक विवाद उत्पन्न कर दिया जब उन्हें एक कथित वीडियो क्लिप में यह कहते सुना गया कि ‘‘उन लोगों की चमड़ी उतारकर जूते बनाए जाएंगे जो मानते हैं कि वे विरोध की आड़ में पार्टी को बदनाम करके ऐसे ही निकल सकते हैं।’’
वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
भाजपा ने बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियों के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। टीएमसी सांसद ने बाद में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि उन्हें उक्त टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी।
रॉय ने कहा, ‘‘अब मेरा मानना है कि ये टिप्पणियां मुझे नहीं करनी चाहिए थीं। हम किसी भी प्रकार के संवैधानिक या लोकतांत्रिक विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन जिस तरह से टीएमसी को बदनाम किया जा रहा है और विपक्षी दलों द्वारा हमारे नेताओं का नाम लिया जा रहा है, यह अनुचित है... यह अकारण मुकदमा चलाने जैसा है।’’
रॉय ने कहा, ‘‘किसी को भी 70 और 80 के दशक में नक्सलियों और वामपंथियों द्वारा विपक्षी दलों के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को नहीं भूलना चाहिए।’’
टीएमसी सांसद की चेतावनी का इशारा परोक्ष तौर पर भाजपा और माकपा कार्यकर्ताओं की ओर था, जो मवेशी तस्करी के एक मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी का जश्न मनाते हुए सड़कों पर उतरे थे।
कामरहटी विधानसभा क्षेत्र में बैठक के दौरान रॉय को यह कहते हुए सुना गया, ‘‘हमें 2026 तक एक निर्णायक जनादेश दिया गया है। मैं विरोध की आड़ में टीएमसी को बदनाम करने वालों को चेतावनी दे रहा हूं कि अगर उन्हें लगता है कि वे एक जनता की सरकार के खिलाफ साजिश रचकर बच निकल सकते हैं तो (उन्हें पता होना चाहिए) हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे रहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी खाल का एक भाग छीलकर उससे जूते बनाएंगे। इसलिए अपने कृत्यों पर ध्यान देना।’’
टीएमसी के कमरहाटी विधायक मदन मित्रा ने निर्वाचन क्षेत्र में एक अन्य बैठक में कहा कि उनकी पार्टी पर कीचड़ उछालने की कोशिश करने वालों के साथ ‘‘लाठी से उचित व्यवहार किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिविर शुरू करें और उन्हें (पार्टी कार्यकर्ताओं को) सिखाएं कि हर मोहल्ले में लाठियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। अगर साजिशकर्ता एक छड़ी मारते हैं, तो उन पर दो वार करें। उन्हें लोगों की शक्ति का एहसास कराएं ताकि वे किसी लोकतांत्रिक सरकार, मां-माटी-मानुष के खिलाफ साजिश करने की हिम्मत न करें।’’
रॉय और मित्रा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के इस तरह के बयान के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।’’
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘इस तरह के घिनौने बयानों पर प्रतिक्रिया देना भाजपा की गरिमा से परे है। रॉय जैसे व्यक्ति से यह काफी अप्रत्याशित है, जिन्होंने अतीत में राजनीति में असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ बात की थी।’’
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि इन टिप्पणियों से पता चलता है कि टीएमसी नेता अब "डरे हुए" हैं, उनके दो वरिष्ठ सहयोगियों - पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल - को सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
चटर्जी को एक स्कूली भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और मंडल को कथित तौर पर एक मवेशी तस्करी मामले में जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने भी कहा, ‘‘जितना अधिक उनके अनैतिक कृत्य सामने आ रहे हैं, टीएमसी नेता उतने ही अधिक असंगत बयान दे रहे हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।