बंगाल के मंत्री को सीबीआई के समक्ष पेश होने का निर्देश

punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 06:22 PM (IST)

कोलकाता, 19 मई (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्यमंत्री परेश चंद्र अधिकारी को आज शाम यहां विमान से पहुंचने के शीघ्र बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।

राज्य सरकार से सहायता प्राप्त एक स्कूल में अध्यापिका के तौर पर उनकी बेटी की कथित अवैध नियुक्ति के सिलिसले में सीबीआई की पूछताछ के लिए मंत्री को अदालत ने यह निर्देश दिया।
अधिकारी के वकील द्वारा यह दलील दिये जाने पर कि वह (मंत्री) राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित कूच बिहार में हैं और बृहस्पतिवार शाम विमान से कोलकाता आएंगे, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने बिधाननगर पुलिस से कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाईअड्डा पहुंचने के बाद उन्हें यथाशीघ्र सीबीआई कार्यालय ले जाया जाए।
सीबीआई की ओर से पेश हुए सहायक सॉलीसिटर जनरल बिलवादल भट्टाचार्य ने अदालत में दलील दी कि मंत्री ने जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने के लिए ईमेल भेज कर वक्त मांगा है।
इससे पहले, दिन में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने मंत्री को सीबीआई अधिकारियों के समक्ष अपराह्न तीन बजे तक उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
अधिकारी के वकील ने दलील दी कि वह शाम पांच बजे की एक उड़ान में सवार होंगे और शाम साढ़े छह बजे तक कोलकाता पहुंचेंगे।
अदालत ने बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय को हवाईअड्डा प्राधिकार से संपर्क में रहने का निर्देश दिया, ताकि विमान से उतरने के शीघ्र बाद मंत्री को सीबीआई कार्यालय ले जाया जा सके।
अदालत ने यह भी कहा कि यदि अधिकारी उड़ान में नहीं हों तो इसे अदालत और सीबीआई से खुद को बचाने के लिए एक झांसा समझा जाएगा तथा उस मामले में विषय में उसी के अनुरूप निपटा जाएगा।
विषय पर आगे शुक्रवार पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने 17 मई को निर्देश दिया था कि मंत्री उस दिन यहां रात आठ बजे तक सीबीआई के समक्ष उपस्थित हों।
सीबीआई के वकील ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय को बताया कि अधिकारी उस तारीख को और उसके बाद उपस्थित नहीं हुए।
न्यायाधीश ने कहा कि अधिकारी ने आदेश का उल्लंघन किया, लेकिन अदालत उनके विरुद्ध अवमानना की कोई कार्यवाही शुरू करने के बजाय मंत्री को बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजे तक उपस्थित होने का मौका दे रही है।

गौरतलब है कि एक याचिका में दावा किया गया था कि अधिकारी की बेटी को याचिकाकर्ता से कम अंक प्राप्त होने के बावजूद नियुक्त किया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मंत्री को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था।


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