इमारतों को नुकसान के कारण कोलकाता के बोबाजार के आभूषण विक्रेताओं का काम प्रभावित

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 05:12 PM (IST)

कोलकाता, 16 मई (भाषा) कोलकाता के बउबाजार में दुर्गा पिथुरी लेन के आभूषण विक्रेता अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं क्योंकि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन के लिए सुरंग के काम के कारण इलाके में कम से कम 12 इमारतों में बड़ी दरारें आने के बाद से उनकी दुकानें बंद है।

आनंद मैती, सुशील रॉय, फोनी महतो और उनके साथी आभूषण विक्रेता अब एक अस्थायी जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां शादी के लिए पहले से दिए गए लाखों रुपये के दिए गए ऑर्डर पर वह तुरंत काम शुरू कर सकें। दरार वाली इमारत के पास खड़े सुहास मलिक ने कहा, ‘‘शादी का मौसम जोरों पर है और हमारे पास बहुत कम समय में आपूर्ति करने के लिए कई ऑर्डर हैं। अब, हमारी दुकानों के बंद हो जाने से हम सब असमंजस में हैं।’’ बोबाजार के दुर्गा पिथुरी लेन में 11 मई को कम से कम 12 मकानों को ढांचागत नुकसान का सामना करना पड़ा। इमारतों के 140 से अधिक स्थानीय लोगों को होटलों में स्थानांतरित कर दिया गया।

इसी तरह के दृश्य 31 अगस्त, 2019 को इस क्षेत्र में देखे गए, जब एक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) एक भूमिगत जलाशय से टकरा गई, जिससे जमीन धंस गया और कई इमारतें ढह गईं। कोलकाता नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कुछ आभूषण विक्रेताओं ने दशकों पहले से दुर्गा पिथुरी लेन में दुकानें लगा रखी थीं और उन्हें अपना सामान लेकर जाने को कहा गया क्योंकि ‘खतरनाक’ इमारतों को तोड़ा जा सकता है।

आभूषण विक्रेता सुहास मलिक ने कहा, ‘‘हम ऑर्डर को पूरा करने के लिए लगतार काम कर रहे थे। अब, अचानक, हमें आभूषण और औजारों से भरे बैग के साथ एक ऐसी जगह की तलाश में जाना पड़ रहा है जहां हम फिर से काम करने के लिए तैयार हो सकें।’’ आनंद मैती (65) ने कहा कि वह काम फिर से शुरू करने के लिए किराए पर कमरे की तलाश कर रहे हैं, लेकिन मकान मालिक ज्यादा राशि की मांग कर रहे हैं। मैती ने कहा, ‘‘किराए पर कमरे देने के लिए कुछ मकान मालिक 30,000 रुपये प्रति माह मांग रहे हैं, जबकि अन्य 1-1.5 लाख रुपये अग्रिम की मांग कर रहे हैं।’’ कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (केएमआरसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल में शहर के महापौर फरहाद हकीम के साथ बैठक के दौरान इन आभूषण विक्रताओं के अस्थायी पुनर्वास के बारे में चर्चा की थी।

तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय पार्षद विश्वरूप डे ने कहा, ‘‘हम उनकी स्थिति के बारे में बहुत चिंतित हैं और चाहते हैं कि उन्हें अस्थायी दुकानों के लिए जल्द से जल्द जगह देनी चाहिए। उम्मीद है कि केएमआरसी जल्द ही पुनर्वास प्रक्रिया शुरू करेगी।’’

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PTI News Agency

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