अलग गोरखालैंड राज्य अहिंसक तरीके से हासिल किया जाएगा, जोर अब सुशासन पर : अजय एडवर्ड्स
Monday, May 16, 2022 - 10:04 AM (IST)
कोलकाता, 15 मई (भाषा) नवगठित ‘हमरो पार्टी’ के प्रमुख अजय एडवर्ड्स ने रविवार को कहा कि अलग गोरखालैंड राज्य को संवैधानिक ढांचे के भीतर और अहिंसक तरीके से हासिल करना है। एडवर्ड्स ने पूर्ववर्ती गोरखा नेतृत्व पर भावनात्मक मुद्दे से खेलकर जनता को धोखा देने और आंदोलनों के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हालांकि एक अलग गोरखालैंड राज्य का गठन उत्तरी पश्चिम बंगाल में पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की दीर्घकालिक दृष्टि है, अब ध्यान सुशासन पर होना चाहिए।
रेस्तरां मालिक से नेता बने अजय एडवर्ड्स (47) के संगठन ‘हमार पार्टी’ ने पार्टी गठन के कुछ महीनों के बाद ही इस साल मार्च में दार्जिलिंग नगर पालिका चुनाव में जीत दर्ज करके सभी को चौंका दिया। उन्होंने आगामी जीटीए चुनाव में भी जीत दर्ज करने का विश्वास जताया। एडवर्ड्स ने पीटीआई-भाषा के साथ टेलीफोन पर साक्षात्कार में कहा, ‘‘राज्य को लेकर आंदोलन की शुरुआत के बाद से पिछले 35 वर्षों में गोरखा नेतृत्व - चाहे वह सुभाष घीसिंग हो या बिमल गुरुंग - ने भावनात्मक मुद्दे का उपयोग करके जनता को धोखा दिया है। उनके द्वारा की गई कई प्रमुख गलतियों के कारण लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका जिसमें आंदोलन का शुरू से ही हिंसक बनना शामिल है।’’उन्होंने कहा, ‘‘जब भी आंदोलन अपने चरम पर पहुंचा, इन नेताओं ने कोई न कोई समझौता कर लिया। हजारों करोड़ रुपये पर्वतीय क्षेत्र में डाले गए, लेकिन इसका जनता पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। जीवन के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार हुआ है।’’दार्जिलिंग में कई राजनीतिक दलों का उदय हुआ जिन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को एक अलग गोरखालैंड राज्य और छठी अनुसूची के कार्यान्वयन का वादा किया जो जनजाति वाले क्षेत्र को स्वायत्तता प्रदान करता है।
एडवर्ड्स ने दावा किया कि गोरखालैंड हासिल करने का तरीका शुरुआत से ही ‘‘गलत’’ रहा है और इस उद्देश्य के लिए अखिल भारतीय सहानुभूति का आह्वान किया। एडवर्ड्स ने कहा कि उनके पास अगले 100 वर्षों में समृद्ध दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के लिए एक दृष्टि है।
गोरखालैंड प्रातीय प्रशासन (जीटीए) चुनाव टालने की मांग करने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) प्रमुख बिमल गुरुंग पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए एडवर्ड्स ने कहा, ‘‘जो लोग हार से डरते हैं वे जीटीए चुनावों को टालना चाहते हैं।’’एडवर्ड्स ने पर्वतीय क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के वादे को पूरा नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी आलोचना की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रेस्तरां मालिक से नेता बने अजय एडवर्ड्स (47) के संगठन ‘हमार पार्टी’ ने पार्टी गठन के कुछ महीनों के बाद ही इस साल मार्च में दार्जिलिंग नगर पालिका चुनाव में जीत दर्ज करके सभी को चौंका दिया। उन्होंने आगामी जीटीए चुनाव में भी जीत दर्ज करने का विश्वास जताया। एडवर्ड्स ने पीटीआई-भाषा के साथ टेलीफोन पर साक्षात्कार में कहा, ‘‘राज्य को लेकर आंदोलन की शुरुआत के बाद से पिछले 35 वर्षों में गोरखा नेतृत्व - चाहे वह सुभाष घीसिंग हो या बिमल गुरुंग - ने भावनात्मक मुद्दे का उपयोग करके जनता को धोखा दिया है। उनके द्वारा की गई कई प्रमुख गलतियों के कारण लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका जिसमें आंदोलन का शुरू से ही हिंसक बनना शामिल है।’’उन्होंने कहा, ‘‘जब भी आंदोलन अपने चरम पर पहुंचा, इन नेताओं ने कोई न कोई समझौता कर लिया। हजारों करोड़ रुपये पर्वतीय क्षेत्र में डाले गए, लेकिन इसका जनता पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। जीवन के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार हुआ है।’’दार्जिलिंग में कई राजनीतिक दलों का उदय हुआ जिन्होंने पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को एक अलग गोरखालैंड राज्य और छठी अनुसूची के कार्यान्वयन का वादा किया जो जनजाति वाले क्षेत्र को स्वायत्तता प्रदान करता है।
एडवर्ड्स ने दावा किया कि गोरखालैंड हासिल करने का तरीका शुरुआत से ही ‘‘गलत’’ रहा है और इस उद्देश्य के लिए अखिल भारतीय सहानुभूति का आह्वान किया। एडवर्ड्स ने कहा कि उनके पास अगले 100 वर्षों में समृद्ध दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के लिए एक दृष्टि है।
गोरखालैंड प्रातीय प्रशासन (जीटीए) चुनाव टालने की मांग करने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) प्रमुख बिमल गुरुंग पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए एडवर्ड्स ने कहा, ‘‘जो लोग हार से डरते हैं वे जीटीए चुनावों को टालना चाहते हैं।’’एडवर्ड्स ने पर्वतीय क्षेत्र के स्थायी राजनीतिक समाधान के वादे को पूरा नहीं करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भी आलोचना की।
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