बिमल गुरुंग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जीटीए चुनाव टालने का आग्रह किया
punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 09:58 AM (IST)
कोलकाता, 14 मई (भाषा) गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अनुरोध किया है कि वह गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) चुनाव को तब तक के लिए टाल दें, जब तक कि पार्टी द्वारा पेश किए गए ज्ञापन प्रस्ताव को पर्वतीय क्षेत्र में लागू नहीं कर दिया जाता।
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल जून में जीटीए के लिए चुनाव कराने का फैसला किया था, जोकि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र प्रशासन के लिए एक स्वायत्त निकाय है। इस निकाय का गठन वर्ष 2011 में हुआ था।
बनर्जी को लिखे पत्र में गुरुंग ने उनसे ''''जीटीए चुनाव को तब तक के लिए स्थगित रखने का अनुरोध किया, जब तक कि पार्टी द्वारा सरकार को सौंपे गए ज्ञापन प्रस्ताव (एमओपी) को लागू नहीं किया जाता।''''
उन्होंने कहा, ''''मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के वास्ते चुनाव कराने से पहले हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गए ज्ञापन प्रस्ताव के समाधान के लिए द्विपक्षीय वार्ता का आह्वान करें।''''
जीजेएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को ज्ञापन प्रस्ताव सौंपा था।
जीजेएम के सूत्रों के मुताबिक, ज्ञापन प्रस्ताव में कहा गया है कि 2011 में जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसका अक्षरश: सम्मान किया जाना चाहिए।
जीटीए सभा में 45 निर्वाचित सदस्य होते हैं और पांच अन्य को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल जून में जीटीए के लिए चुनाव कराने का फैसला किया था, जोकि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र प्रशासन के लिए एक स्वायत्त निकाय है। इस निकाय का गठन वर्ष 2011 में हुआ था।
बनर्जी को लिखे पत्र में गुरुंग ने उनसे ''''जीटीए चुनाव को तब तक के लिए स्थगित रखने का अनुरोध किया, जब तक कि पार्टी द्वारा सरकार को सौंपे गए ज्ञापन प्रस्ताव (एमओपी) को लागू नहीं किया जाता।''''
उन्होंने कहा, ''''मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के वास्ते चुनाव कराने से पहले हमारे द्वारा प्रस्तुत किए गए ज्ञापन प्रस्ताव के समाधान के लिए द्विपक्षीय वार्ता का आह्वान करें।''''
जीजेएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को ज्ञापन प्रस्ताव सौंपा था।
जीजेएम के सूत्रों के मुताबिक, ज्ञापन प्रस्ताव में कहा गया है कि 2011 में जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, उसका अक्षरश: सम्मान किया जाना चाहिए।
जीटीए सभा में 45 निर्वाचित सदस्य होते हैं और पांच अन्य को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है।
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