पश्चिम बंगाल विरासत आयोग ऐतिहासिक महत्व की इमारतों के अभिलेखन की प्रक्रिया में
punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 09:51 AM (IST)
कोलकाता, आठ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विरासत आयोग शहर में समृद्ध वास्तुकला और इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली इमारतों को ढहने से बचाने के लिए उनके अभिलेखन की प्रक्रिया में है।
आयोग के अध्यक्ष व विख्यात पेंटर सुवप्रसन्ना ने कहा कि इस तरह की कई इमारतें उत्तरी कोलकाता और दक्षिणी कोलकाता में स्थित है। इन इमारतों में से कुछ के नाम महापुरुषों के नाम से जुड़े हैं या ऐतिहासिक महत्व के हैं लेकिन जब तक इसके मालिक या इससे जुड़ा कोई व्यक्ति विरासत टैग लेने के लिए आयोग से संपर्क नहीं करता है तो आयोग सामान्य तौर पर खुद से कदम नहीं उठाता है।
यह पूछे जाने पर कि आयोग स्वत: संज्ञान लेकर कदम उठा सकता है, तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जिस पर प्रतिक्रिया दी जा सकता है तो उसमे आयोग पहल करता है और ‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि विरासत लेबल मालिक की ओर से संपत्ति के रखरखाव को प्रभावित नहीं करता है लेकिन विरासत की विशेषताओं के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।’’
एक सवाल के जवाब में सुवप्रसन्ना ने कहा कि आयोग ने 553 इमारतों को विरासत संरचनाओं के रूप में सूचीबद्ध किया था और यह काम प्रोफेसर प्रताप चंद्र चुंदर की अध्यक्षता में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि आयोग सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया में है और अभी कोई खास जानकारी नहीं दी जा सकती।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आयोग के अध्यक्ष व विख्यात पेंटर सुवप्रसन्ना ने कहा कि इस तरह की कई इमारतें उत्तरी कोलकाता और दक्षिणी कोलकाता में स्थित है। इन इमारतों में से कुछ के नाम महापुरुषों के नाम से जुड़े हैं या ऐतिहासिक महत्व के हैं लेकिन जब तक इसके मालिक या इससे जुड़ा कोई व्यक्ति विरासत टैग लेने के लिए आयोग से संपर्क नहीं करता है तो आयोग सामान्य तौर पर खुद से कदम नहीं उठाता है।
यह पूछे जाने पर कि आयोग स्वत: संज्ञान लेकर कदम उठा सकता है, तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जिस पर प्रतिक्रिया दी जा सकता है तो उसमे आयोग पहल करता है और ‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि विरासत लेबल मालिक की ओर से संपत्ति के रखरखाव को प्रभावित नहीं करता है लेकिन विरासत की विशेषताओं के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।’’
एक सवाल के जवाब में सुवप्रसन्ना ने कहा कि आयोग ने 553 इमारतों को विरासत संरचनाओं के रूप में सूचीबद्ध किया था और यह काम प्रोफेसर प्रताप चंद्र चुंदर की अध्यक्षता में शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि आयोग सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया में है और अभी कोई खास जानकारी नहीं दी जा सकती।
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