जूट आयुक्त ने कच्चे जूट की कीमत बढ़ाने के सुझाव को नकारा
Monday, Nov 29, 2021 - 06:02 PM (IST)
कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) जूट आयुक्त ने कच्चे जूट की कीमत को 7,200 रुपये प्रति क्विंटल करने के भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के सुझाव को नकार दिया है। इसके साथ ही जूट आयुक्त ने जूट से बने बोरों के लिए एक कीमत दायरा तय करने को भी कहा है।
आईजेएमए ने जूट आयुक्त को कच्चे जूट की कीमत को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 7,200 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया था। राज्य सरकार ने खाद्यान्न भंडारण में इस्तेमाल होने वाले जूट के बोरों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर जूट उत्पादकों की राय मांगी थी।
जूट आयुक्त ने आईजेएमए को लिखे अपने एक पत्र में इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की बुलाई गई बैठक में जूट-निर्मित बोरे की अधिकतम कीमत 100 रुपये प्रति बोरा तय करने का प्रस्ताव रखा गया है।
जूट नियामक ने कहा है कि इस प्रस्ताव के बारे में जूट मिल संघ भी अपना पक्ष रखेगा। उन्होंने कहा कि है कच्चे जूट की कीमत बढ़ाने के बजाय जूट-निर्मित बोरे की अधिकतम कीमत तय करना उचित होगा।
इस बीच आईजेएमए चेयरमैन राघव गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उनका संगठन जूट आयुक्त की तरफ से रखे गए प्रस्ताव पर अभी राजी नहीं हुआ है। इसके लिए संगठन के अधिक सदस्यों के साथ विचार के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आईजेएमए ने जूट आयुक्त को कच्चे जूट की कीमत को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 7,200 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया था। राज्य सरकार ने खाद्यान्न भंडारण में इस्तेमाल होने वाले जूट के बोरों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर जूट उत्पादकों की राय मांगी थी।
जूट आयुक्त ने आईजेएमए को लिखे अपने एक पत्र में इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की बुलाई गई बैठक में जूट-निर्मित बोरे की अधिकतम कीमत 100 रुपये प्रति बोरा तय करने का प्रस्ताव रखा गया है।
जूट नियामक ने कहा है कि इस प्रस्ताव के बारे में जूट मिल संघ भी अपना पक्ष रखेगा। उन्होंने कहा कि है कच्चे जूट की कीमत बढ़ाने के बजाय जूट-निर्मित बोरे की अधिकतम कीमत तय करना उचित होगा।
इस बीच आईजेएमए चेयरमैन राघव गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि उनका संगठन जूट आयुक्त की तरफ से रखे गए प्रस्ताव पर अभी राजी नहीं हुआ है। इसके लिए संगठन के अधिक सदस्यों के साथ विचार के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।
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