प्रशंसा या आलोचना मेरी कहानियों के किस्म को नहीं बदल सकतीं : श्रीजीत मुखर्जी
punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 02:13 PM (IST)
कोलकाता, 29 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी ने कहा कि प्रशंसा या आलोचना कहानियों के उस किस्म को नहीं बदल सकती जो वह दुनिया के सामने रखना चाहते हैं।
मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि वह नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर कहानी कहने की अपनी शैली या पुन: रूपांतरण की तकनीक में बदलाव नहीं करेंगे। उन्होंने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की जन्मशती पर संकलन ''रे'' में दो लघु फिल्में बनाई हैं, जिन्हें तारीफ और आलोचना दोनों मिली हैं।
‘गुमनामी’ फिल्म के निर्देशक ने चार फिल्मों की श्रृंखला ‘रे’ में ‘फॉरगेट मी नॉट’ और ‘बहरुपिया’ बनाई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए कि वह इस तरह की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर अपनी स्वयं की कथा शैली या पुन: रूपांतरण की तकनीक से पीछे नहीं हटेंगे, फिल्मकार ने पीटीआई-भाषा से कहा, “तारीफ या आलोचना असल में कहानी कहने के मेरे तरीके को नहीं बदल सकती जो मैं कहना चाहता हूं या जिस तरीके से मैं सुनाना चाहता हूं।”
मुखर्जी ने कहा, “मैं हमेशा से खुले विचारों वाला रहा हूं। मैं आलोचना को स्वीकार करता हूं, मैं सीखने की कोशिश करता हूं लेकिन अंत में कहानी कहने के लिए मैं अपने सहज ज्ञान की सुनता हूं।”
उनकी पहली ही फीचर फिल्म ‘ऑटोग्राफ’ सुपरहिट हुई थी।
उन्होंने कहा, “इसलिए मेरे विचार में यह कुछ ऐसा है जो हमेशा जारी रहेगा।”
मुखर्जी की आगामी बांग्ला वेब सीरिज ‘रोबिंद्रनाथ एखने कॉखोनो खेते आशेनी’ प्रमुख बंगाली ओटीटी पर 13 अगस्त से देखी जा सकेगी। उन्होंने कहा, “ओटीटी पर कहानी कहने और बड़े पर्दे पर फीचर फिल्म की कहानी कहने के अंदाज अलग होते हैं।”
जिस प्रकार से कथानक सामने आता है, पात्र बदलते हैं, प्रत्येक पात्र को जो जगह दी जाती है और कथानक सब जुदा होता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि वह नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर कहानी कहने की अपनी शैली या पुन: रूपांतरण की तकनीक में बदलाव नहीं करेंगे। उन्होंने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की जन्मशती पर संकलन ''रे'' में दो लघु फिल्में बनाई हैं, जिन्हें तारीफ और आलोचना दोनों मिली हैं।
‘गुमनामी’ फिल्म के निर्देशक ने चार फिल्मों की श्रृंखला ‘रे’ में ‘फॉरगेट मी नॉट’ और ‘बहरुपिया’ बनाई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए कि वह इस तरह की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर अपनी स्वयं की कथा शैली या पुन: रूपांतरण की तकनीक से पीछे नहीं हटेंगे, फिल्मकार ने पीटीआई-भाषा से कहा, “तारीफ या आलोचना असल में कहानी कहने के मेरे तरीके को नहीं बदल सकती जो मैं कहना चाहता हूं या जिस तरीके से मैं सुनाना चाहता हूं।”
मुखर्जी ने कहा, “मैं हमेशा से खुले विचारों वाला रहा हूं। मैं आलोचना को स्वीकार करता हूं, मैं सीखने की कोशिश करता हूं लेकिन अंत में कहानी कहने के लिए मैं अपने सहज ज्ञान की सुनता हूं।”
उनकी पहली ही फीचर फिल्म ‘ऑटोग्राफ’ सुपरहिट हुई थी।
उन्होंने कहा, “इसलिए मेरे विचार में यह कुछ ऐसा है जो हमेशा जारी रहेगा।”
मुखर्जी की आगामी बांग्ला वेब सीरिज ‘रोबिंद्रनाथ एखने कॉखोनो खेते आशेनी’ प्रमुख बंगाली ओटीटी पर 13 अगस्त से देखी जा सकेगी। उन्होंने कहा, “ओटीटी पर कहानी कहने और बड़े पर्दे पर फीचर फिल्म की कहानी कहने के अंदाज अलग होते हैं।”
जिस प्रकार से कथानक सामने आता है, पात्र बदलते हैं, प्रत्येक पात्र को जो जगह दी जाती है और कथानक सब जुदा होता है।
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