कालीन उद्योग ने कपड़ा मंत्रालय से निर्यात सहायता की मांग की
punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 10:06 PM (IST)
कोलकाता, 27 जून (भाषा) हस्तनिर्मित कालीन उद्योग ने कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के कारण आपूर्ति व्यवस्था में बाधा को देखते हुए निर्यात सहायता की मांग की है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने पत्र में कहा है कि उद्योग पूरी तरह से निर्यात उन्मुख है। इसमें करीब 20 लाख बुनकर कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
परिषद के चेयरमैन सिद्ध नाथ सिंह ने कहा कि उद्योग सालाना 12,000 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
उन्होंने मंत्रालय से मौजूदा 5 प्रतिशत के बजाए पूर्व के सात प्रतिशत की दर से भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) बहाल करने को कहा।
सिंह ने कहा कि इससे उद्योग अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रतिस्पर्धी हो सकेगा। भारत कालीन के मामले में वैश्विक बाजार में पहले से प्रमुख देश है।
परिषद ने केंद्र सरकार से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) निर्यातकों के लिये अतिरिक्त कर्ज सीमा पर ‘पैकिंग’ ऋण वित्त पोषण के लिये 5 प्रतिशत ब्याज सहायता देने की भी मांग की।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने पत्र में कहा है कि उद्योग पूरी तरह से निर्यात उन्मुख है। इसमें करीब 20 लाख बुनकर कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
परिषद के चेयरमैन सिद्ध नाथ सिंह ने कहा कि उद्योग सालाना 12,000 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करता है।
उन्होंने मंत्रालय से मौजूदा 5 प्रतिशत के बजाए पूर्व के सात प्रतिशत की दर से भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) बहाल करने को कहा।
सिंह ने कहा कि इससे उद्योग अंतरराष्ट्रीय बाजार में और प्रतिस्पर्धी हो सकेगा। भारत कालीन के मामले में वैश्विक बाजार में पहले से प्रमुख देश है।
परिषद ने केंद्र सरकार से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) निर्यातकों के लिये अतिरिक्त कर्ज सीमा पर ‘पैकिंग’ ऋण वित्त पोषण के लिये 5 प्रतिशत ब्याज सहायता देने की भी मांग की।
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