ममता का मोदी को पत्र, राज्य के सहकारी बैंकों पर भारतीय रिजबै बैंक की निगरानी वापस ली जाए
Tuesday, Jun 30, 2020 - 10:40 PM (IST)
कोलकाता, 30 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य सहकारी बैंकों की निगरानी की भूमिका को भारतीय रिजर्व बैंक को स्थानांतरित करने के कदम पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यह कदम सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है।
अभी तक रिजर्व बैंक इन बैंकों की पूंजी पर्याप्तता, जोखिम नियंत्रण और ऋण नियमों को देख रहा था, जबकि प्रबंधन पर निगाह रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार सहकारी समिति पंजीयक के पास थी।
बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि निगरानी भूमिका और प्रबंधन का दायित्व केंद्र बैंक को स्थानांतरित किया गया है। इससे वापस पश्चिम बंगाल के सहकारी समितियों के पंजीयक को सौंपा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने 26 जून को एक अध्यादेश के जरिये शहरी और बहु-राज्यीय सहकारी बैंकों की निगरानी का अधिकार एकतरफा तरीके से रिजर्व बैंक को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां राज्य सरकार का विषय हैं और यह संबंधित राज्य सरकारों के अधिकारों में दखल देना है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अभी तक रिजर्व बैंक इन बैंकों की पूंजी पर्याप्तता, जोखिम नियंत्रण और ऋण नियमों को देख रहा था, जबकि प्रबंधन पर निगाह रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार सहकारी समिति पंजीयक के पास थी।
बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि निगरानी भूमिका और प्रबंधन का दायित्व केंद्र बैंक को स्थानांतरित किया गया है। इससे वापस पश्चिम बंगाल के सहकारी समितियों के पंजीयक को सौंपा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने 26 जून को एक अध्यादेश के जरिये शहरी और बहु-राज्यीय सहकारी बैंकों की निगरानी का अधिकार एकतरफा तरीके से रिजर्व बैंक को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां राज्य सरकार का विषय हैं और यह संबंधित राज्य सरकारों के अधिकारों में दखल देना है।
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