बीयर से लेकर नेलपॉलिश तक… इन आम चीज़ों में छिपा है मांस और हड्डियों का राज!
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 12:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप खुद को पूरी तरह शाकाहारी मानते हैं तो ज़रा रुकिए। रोजाना जिन चीजों का आप इस्तेमाल करते हैं, उनमें से कई में छिपा होता है मांस और जानवरों की हड्डियों का इस्तेमाल। ये सुनकर शायद आपको यकीन न हो। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में, जो हर घर में मौजूद होती हैं लेकिन शाकाहार से कोसों दूर होती हैं।
शराब और बियर भी नहीं हैं पूरी तरह शुद्ध
शराब और बियर के शौकीनों के लिए एक बड़ा झटका है ये जानकारी। खासतौर पर गिनीज बियर को बनाने में आईसिनग्लास नाम का एक केमिकल इस्तेमाल किया जाता है, जो मछलियों के ब्लाडर से निकाला जाता है। यानी ये ड्रिंक भी पूरी तरह वेज नहीं होती।
पर्फ्यूम की खुशबू भी है जानवरों से जुड़ी
अगर आप वनीला जैसी खुशबू वाले पर्फ्यूम का इस्तेमाल करते हैं तो जान लें कि इनमें कैस्टोरियम नामक तत्व होता है, जो बीवर नामक जानवर की गुदा ग्रंथि (gland) से निकाला जाता है। इसे खुशबू को लंबे समय तक टिकाने के लिए मिलाया जाता है।
प्लास्टिक बैग में भी है चर्बी की मिलावट
आप जब भी बाजार से प्लास्टिक बैग लेकर आते हैं, तो शायद यह नहीं जानते होंगे कि उसमें स्लिप एजेंट नाम का केमिकल होता है, जो जानवरों की चर्बी में पाए जाने वाले स्टेरिक एसिड से बनता है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक को चिकना और मुलायम बनाने के लिए किया जाता है।
साफ कपड़ों के पीछे छिपी गंदगी की सच्चाई
आप सोचते होंगे कि डिटर्जेंट से कपड़े साफ होते हैं, लेकिन इन डिटर्जेंट्स में DHTDMAC नामक तत्व पाया जाता है, जो गाय-भैंस जैसे मवेशियों की चर्बी से तैयार किया जाता है। यानी जिन कपड़ों को आप साफ समझते हैं, वे शाकाहारी नहीं होते।
चीनी का सफेद रंग भी नहीं है मासूम
आपके चाय में घुलने वाली सफेद चीनी भी शुद्ध नहीं है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीनी को चमकदार सफेद बनाने के लिए बोन चारका इस्तेमाल होता है, जो जानवरों की हड्डियों से बनता है। हड्डियों को जलाकर तैयार की गई राख से चीनी को फिल्टर किया जाता है।
नेल पॉलिश की चमक = मछली की त्वचा
खूबसूरत नाखूनों की चाहत में इस्तेमाल की जाने वाली नेल पॉलिश में गुआनाईन नामक तत्व होता है, जो मछलियों की त्वचा और स्केल्स से निकाला जाता है। इसकी वजह से ही नेल पॉलिश में चमक आती है।
बच्चों के क्रेयॉन्स भी नहीं हैं मासूम
आपके बच्चों की ड्रॉइंग बुक में रंग भरने वाले क्रेयॉन्स भी शाकाहारी नहीं हैं। इनमें एनिमल फैट यानी जानवरों की चर्बी मिलाई जाती है ताकि ये ज्यादा देर तक न सूखें और चिकने बने रहें।
केक में अंडा ही नहीं, भैंस की चर्बी भी!
शाकाहारी लोग अक्सर केक खाते समय पूछते हैं कि उसमें अंडा है या नहीं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कई कंपनियां केक की कोमलता और बनावट के लिए भैंस की चर्बी का इस्तेमाल करती हैं।
सिगरेट में सुअर का खून!
यह जानकारी चौंकाने वाली है – सिगरेट के फिल्टर में सुअर के खून से निकाला गया हेमोग्लोबिन मिलाया जाता है। इसका इस्तेमाल फिल्टर को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए किया जाता है।
डिस्क्लेमर:
(Punjab Kesari इस खबर में प्रकाशित किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। इस लेख का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले संबंधित उत्पाद की आधिकारिक जानकारी अवश्य जांच लें।)