घर के सदस्यों की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए ऐसे सजाएं कछुआ

Saturday, Nov 28, 2015 - 03:42 PM (IST)

कछुआ शांत और मंदगति से चलने वाला दीर्घजीवी प्राणी है। कछुए को सनातन धर्म, चाईनीज वास्तु और फेंगशुई में शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कछुए के प्रतीक को घर में रखने से आर्थिक उन्नति होती है तथा घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है जिससे घर में रहने वाले सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है। वास्तु तथा फेंगशुई में धातु यां स्फटिक निर्मित फेंगशुई कछुआ घर में रखते हैं। कछुआ एक प्रभावशाली यंत्र है जिससे वास्तु दोष का निवारण होता है और खुशहाली आती है।

वास्तु तथा फेंगशुई में इसको स्थापित करने के कुछ सिद्धांत बताए गए हैं जिसे अपनाकर हम वास्तु की इस अमूल्य धरोहर से लाभान्वित हो सकते हैं। कछुए को घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है। इसे अपने ऑफिस या घर की उत्तर दिशा में रखें। कछुए के प्रतीक को कभी भी बेडरूम में न रखें। कछुए की स्थापना हेतु सर्वोत्तम स्थान ड्राईंग रूम है। 

दो कछुओं के प्रतीक एक साथ घर में न रखें क्योंकि कछुए के प्रतीक एक साथ होने पर लाभ क्षेत्र बाधित होता है। कछुए की स्थापना हेतु उत्तर दिशा सर्वोत्तम है क्योंकि शास्त्रों में उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है। पूर्व दिशा की ओर भी कछुए के प्रतीक को स्थापित किया जा सकता है। कछुए का मुंह घर के अंदर की ओर रहे। कछुए को सूखे स्थान पर रखने की बजाय किसी बर्तन में पानी भर कर रखें। सात धातु से बना कछुआ वास्तु दोष दूर करता है और इसकी पूजा की जाती है, यह घर में सद्भाव और शांति देता है। इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। कछुआ की पीठ पर सात धातु से बना सर्व सिद्धि यंत्र साहस और समृद्धि देता है। इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। घर के सदस्यों की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए स्फटिक का बना कछुआ पूर्व दिशा में रखें।

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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