शास्त्रों में मना है इस समय झाड़ू लगाना, ये भी रखें ध्यान

Monday, Sep 26, 2016 - 02:53 PM (IST)

शास्त्रों में सूरज ढलने के बाद का भी अत्यधिक महत्व बताया गया है। शाम होते ही नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती हैं। मान्यता है कि उनके दुष्प्रभाव को शांत करने के लिए या यूं कहा जाए उनकी शक्तियों को क्षीण करने के लिए सुबह की भांति शाम को भी देवी-देवताओं की अराधना की जाती है। जिससे की सकारात्मकता बनी रहे। कुछ ऐसे काम हैं जो शाम को करने की पुराणों में मनाही हैं, जो व्यक्ति इन बातों को नहीं मानते, उन्हें न केवल इस जन्म में बल्कि परलोक में भी दुख भोगना पड़ता है। 


* झाड़ू न लगाएं, सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और नकारात्मकता बलवान होती है।


* तुलसी पर सूर्योदय होने पर जल चढ़ाएं और ठाकुर जी के भोग में अर्पित करने के लिए पत्ते तोड़े जा सकते हैं। सूर्यास्त उपरांत तुलसी को जल अर्पित न करें और न ही पत्ते तोड़ें। संध्या के समय तुलसी का स्पर्श करना भी संचित पुण्यों को पाप में परिवर्तित कर देता है।

 

* शास्त्रों में महिलाओं को घर की लक्ष्मी कहा गया है। जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता मां लक्ष्मी उस घर से अपना नाता तोड़ लेती हैं और वहां कभी धन और वैभव वास नहीं करते। 


* शास्त्रों के अनुसार केवल बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाएं ही दिन में या शाम को सो सकती हैं। मान्यता है की शाम के समय देवी-देवता पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। जिन घरों में शाम के समय पूजा-पाठ हो रहा होता है उन घरों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और जिस घर के लोग सोए होते हैं उस घर में बरकत नहीं होती।

आयुर्वेद में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति दिन के समय सोता है उसे कई प्रकार के रोग घेर लेते हैं। ऐसे व्यक्ति की आयु क्षीण हो जाती है। महिलाओं को बायां और पुरूषों को दायां करवट लेकर सोना चाहिए। सोते समय सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में होने चाहिए। पैर पर पैर रख कर सोने से आयु कम होती है।

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