Sawan 2020: शिव जी के इन स्वरूपों की पूजा श्रावण मास में होती है लाभदायक

Sunday, Jul 26, 2020 - 06:13 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रावण मास में मुख्य रूप से भगवान शंकर की पूजा का विधान है। कहा जाता है इस दौरान भगवान शंकर के विभिन्न रूपों की पूजा से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। कल यानि 27 जुलाई को इस साल के श्रावण मास का चौथा सोमवार है। अन्य सोमवार की तरह इस दौरान भी भोलेनाथ की विधिवत पूजा श्रेष्ठ रहेगी। तो चलिए श्रावण सोमवार के खास अवसर पर आपको बताते हैं वास्तु के अनुसार शिव जी के विभिन्न रूपों की पूजा से किस तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

वास्तु के अनुसार शिव जी की चार हाथों, तीन नेत्रों वाली, गले मे सांप और हाथ में कपाल धारण की हुई सफ़ेद मूर्ति या चित्र को घर मे रखकर इसकी पूजा आदि से धन-संपत्ति की प्राप्त होती है।

इसके अलावा भगवान शंकर की काले रंग की, लाल रंग के तीन नेत्रों वाली, सिर पर चंद्रमा सुशोभित वाली प्रतिमा या चित्र की आराधा सेे सभी तरह के रूके हुए काम पूरे होते हैं तथा सभी तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

आगे वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि जो व्यक्ति देवों के देव महादेव की भस्म लगाई हुई मूर्ति की पूजा करता है उसके जीवन में से सभी दोष खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही बता दें भगवान शंकर द्वार जलंधर का विनाश करते हुई भगवान शंकर की आराधना करने से जातक को अपने शत्रुओं से राहत मिलती है। 

वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है जिस चित्र में जटा में गंगा और सिर पर चंद्रमा को धारण किए हुए, बाएं ओर गोद में माता पार्वती को बैठाए हुए और पुत्र कार्तिकेय और गणेश जी के साथ स्थित, की पूजा से घर-परिवार के झगड़े खत्म होते हैं सुख-शांति का वातावरण बनता है। 

आगे वास्तु शास्त्री का मानना है कि जिस चित्र में भगवान शंकर के हाथ में धनुष-बाण हो और रथ पर सवार हों, इनकी पूजा से मनुष्य को जाने-अनजाने किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।

Jyoti

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