रात को हर महिला-पुरुष के लिए वर्जित हैं ये काम

Friday, Oct 30, 2015 - 01:44 PM (IST)

शास्त्रों एवं पुराणों में दिन-रात से संबंधित अलग-अलग नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनका पालन करने से जीवन में आने वाले सभी दुखों से मुक्ति पाकर सफल जीवन यापन किया जा सकता हैं। आधुनिक परिवेश से प्रभावित बहुत से लोग धर्म के नियमों का पालन नहीं करते इसीलिए उनके जीवन में दुख और असफलता आती रहती है। वहीं उनका जीवन एक भ्रम और भटकाव ही बन कर रह जाता है।

रात को नींद के आगोश में जाने से पहले अधिकतर लोगों को इत्र, डियो अथवा सुंगध को किसी न किसी रूप में अपने शरीर पर लगाना भाता है। पुराणों के अनुसार ऐसा करना नकारात्मक शक्तियों को बुलावा देना है। रात के समय नकरात्मकता सुंगधित काया की ओर विशेष रूप से आकर्षित होती हैं।

सनातन धर्म के शास्त्रों में कहा गया है सोने से पूर्व चेहरा, हाथ और पांव धोकर अच्छे से पोंछ कर भगवान का नाम सिमरण करते हुए सोना चाहिए। ऐसा करने से सोते समय जितने भी श्वास लिए जाते हैं वे भगवान को अर्पण हो जाते हैं।

रात को बिस्तर पर लेटते ही बहुत सी महिलाओं की आदत होती है बंधे बालों को खोल देती हैं। फिर सोती हैं। पुराणों के अनुसार इससे व्यक्तित्व पर द्वेषपूर्ण प्रभाव पड़ता है। निगेटिव ऊर्जा सक्रीय हो जाती है। अत: प्रतिदिन सोने से पूर्व बालों को बांध लें।

रात के समय श्मशान के आसपास या उसके भीतर नहीं जाना चाहिए। श्मशान ऐसा स्थान है जहां सदैव नकारात्मक ऊर्जा रहती है। शाम ढलने के बाद तो ऊपरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। जिसका बुरा प्रभाव हमारे अंतर्मन पर पड़ सकता है। कई बार ऊपरी बाधाएं व्यक्ति को अपने प्रभाव में भी ले लेती हैं। जिससे उसे हानि उठानी पड़ती है। शव से निकलता धुंआ स्वास्थ्य के लिए घातक होता है। श्मशान से लौटने पर स्नान अवश्य करना चाहिए। सूरज ढलने के बाद किया गया स्नान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

सूरज ढलने के बाद विशेषकर रात के समय चौराहों पर नहीं जाना चाहिए। वैदिक ज्योतिष अनुसार चौराहों पर राहू का निवास होता है। राहू ही कुकृत्यों और अपराध का मूल कारण है। भूत पिशाच व टोने टोटके भी चौराहों पर ही किए जाते हैं। रात के वक्त अधिकतर चौराहों पर असामाजिक तत्वों की मौजूदगी रहती है। जिससे की  चौराहे पर जाने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति पर अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब हो जाती हैं। जिससे की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रात के समय इधर-उधर विचरन करने की बजाय अपने घर में ही वास करना चाहिए।

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