न करें ये गलतियां, नकारात्मक शक्तियां हो सकती हैं आप पर हावी

Friday, Sep 23, 2016 - 01:28 PM (IST)

जब व्यक्ति पैदा होता है तो उस समय किस तरह के ग्रह-नक्षत्र चल रहे हैं इसका उस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। पिछले जन्म में किए गए कर्मों के अनुसार इस जन्म के सुख-दुख निर्धारित होते हैं। जन्मकुंडली के ग्रह योग के अनुसार नैगेटिविटी से रूबरू होना पड़ता है। जिससे सुख-शांति भंग हो जाती है और नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती हैं।

* शनि, राहू-केतू या मंगल में से कोई भी एक ग्रह जन्मकुण्डली के सप्तम भाव में हो तो नकारात्मक शक्तियां उन पर मंडराती रहती हैं। उन पर बुरी नजर का भी बहुत प्रभाव रहता है। 

 

* जिस घर में वास्तुदोष होता है वहां समस्याएं अपना स्थाई बसेरा बना कर निवास करती हैं। 


* शनि, मंगल, राहू की युति से तनाव बना रहता है।


* सूरज ढलने के बाद विशेषकर रात के समय चौराहों पर नहीं जाना चाहिए। वैदिक ज्योतिष के अनुसार चौराहों पर राहू का निवास होता है। राहू ही कुकृत्यों और अपराध का मूल कारण है। भूत पिशाच व टोने टोटके भी चौराहों पर ही किए जाते हैं। रात के वक्त अधिकतर चौराहों पर असामाजिक तत्वों की मौजूदगी रहती है। जिससे की चौराहे पर जाने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति पर अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब हो जाती हैं। जिससे की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रात के समय इधर-उधर विचरन करने की बजाय अपने घर में ही वास करना चाहिए।


* रात के समय श्मशान के आसपास या उसके भीतर नहीं जाना चाहिए। श्मशान ऐसा स्थान है जहां सदैव नकारात्मक ऊर्जा रहती है। शाम ढलने के बाद तो ऊपरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं। जिसका बुरा प्रभाव हमारे अंतर्मन पर पड़ सकता है। कई बार ऊपरी बाधाएं व्यक्ति को अपने प्रभाव में भी ले लेती हैं। जिससे उसे हानि उठानी पड़ती है। शव से निकलता धुंआ स्वास्थ्य के लिए घातक होता है। श्मशान से लौटने पर स्नान अवश्य करना चाहिए। सूरज ढलने के बाद किया गया स्नान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।


* रात को नींद के आगोश में जाने से पहले अधिकतर लोगों को इत्र, डियो अथवा सुंगध को किसी न किसी रूप में अपने शरीर पर लगाना भाता है। पुराणों के अनुसार ऐसा करना नकारात्मक शक्तियों को बुलावा देना है। रात के समय नकरात्मकता सुंगधित काया की ओर विशेष रूप से आकर्षित होती हैं।
 

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