जिस घर में होता है यह दोष वहां बना रहता है धन के अभाव से लेकर मानसिक क्लेश

Wednesday, Sep 28, 2016 - 03:02 PM (IST)

आमतौर पर पितृदोष के लिए खर्चीले उपाय बताए जाते हैं लेकिन इसका प्रभाव कम करने के लिए ऐसे कई आसान, सस्ते व सरल उपाय भी हैं जिनसे इसका प्रभाव कम हो सकता है।

 

श्राद्ध, आने वाली संतति को अपने पूर्वजों से परिचित करवाते हैं। जिन दिवंगत आत्माओं के कारण पारिवारिक वृक्ष खड़ा है, उनकी कुर्बानियों व योगदान को स्मरण करने के ये 15 दिन होते है। इस अवधि में अपने बच्चों को परिवार के दिवंगत पूर्वजों के आदर्श व कार्यकलापों के बारे में बताएं ताकि वे कुटुम्ब की स्वस्थ परंपराओं का निर्वाह करें।

 

भारतीय ज्योतिष और वास्तु में हर स्थान पर नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन होता है। वास्तुशास्त्र में किसी भी वस्तु विषय पर पड़ने वाली ऊर्जा तथा उसमें रहने वाले प्रणीयों पर उसके अच्छे या बुरे ऊर्जा के प्रभाव का अकलन किया जाता है। शास्त्रों में हर दिशा का अपना महत्व है। उसी के अनुरूप उस जगह पर नकारात्मक अथवा सकारात्मक शक्तियों का वास होता है। 

 


कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों की फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा करनी चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। जिन्हें यह दोष होता है उन्हें धन के अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है। पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है।

 


* अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में मृतात्मा की पसंद की कम से कम एक वस्तु अवश्य बनाएं। 

 


* इसी दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी वह दोष मिटता है। 

 


* सोमवार प्रात: स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्व पत्र के साथ शिव जी की पूजा करें। ऐसा 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।

 


*  प्रतिदिन इष्ट देवता तथा कुल देवता की पूजा करने से भी पितृ दोष का शमन होता है।

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