जिस घर में होता है इन परंपराओं का पालन उसके हो जाते हैं वारे-न्यारे

punjabkesari.in Tuesday, May 24, 2016 - 03:25 PM (IST)

परिवार में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो घर के बड़े-बुजुर्ग अपने अनुभवों के आधार पर उसे कुछ उपयोगी परंपराओं से अवगत करवाते हैं। जो संस्कारों के रूप में जीवन भर उसके साथ रहते हैं। आजकल एकल परिवारों का चलन जोरो पर है तो बच्चों को जो परवरिश मिलनी चाहिए वो मिल नहीं पाती जिससे की जीवन में बहुत सारी परेशानियां व्यक्ति के जीवन में घर कर जाती हैं। 
 
जिस घर में होता है इन पंरपराओं का पालन उसके हो जाते हैं वारे-न्यारे
 
 
* खाना खाने से पूर्व आंखे बंद करके मन में अपने इष्ट को भोजन अर्पित करें फिर पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके स्वयं ग्रहण करें। 
 
 
* सूरज ढलने के बाद न सोएं।
 
 
* सुबह उठकर कुल्ला किए बिना कुछ भी खाएं-पीएं नहीं।
 
 
* रात को सोने से पहले अपने इष्ट को जीवन देने के लिए धन्यवाद करें और सारे दिन में जो भी जाने-अनजाने में पाप हुए हैं उनके लिए क्षमा याचना करें। 
 
 
* जब भी घर से बाहर जाएं तो परिवार के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर जाएं।
 
 
* शास्त्रों के अनुसार बंद पड़ी किस्मत का ताला खोलने के लिए काले कुत्ते को तेल लगी रोटी और चींटियों को खाना खिलाएं।
 
 
* रात को खाना खाने के बाद बर्तन धो कर सोएं। जूठे बर्तन रखना अलक्ष्मी को न्यौता देना है। 
 
 
* कभी भी जूठा भोजन नहीं छोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति खाना जूठा छोड़ता है अभाग्य कभी उसका साथ नहीं छोड़ता।
 
 
* बिस्तर को साफ-सुथरा रखें।
 
 

* जूते इधर-उधर न फेंके। 


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