पवित्र वातावरण का घर में करें संचार, लक्ष्मी अवश्य बनाएंगी अपना वास

Monday, Oct 05, 2015 - 04:05 PM (IST)

गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। गंगा देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, प्रत्येक मनुष्य की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। इसकी उपासना मां और देवी के रूप में की जाती है। गंगा के जल को बहुत शुद्ध माना जाता है। गंगा जल हिमालय की दुर्लभ औषधीय वनस्पतियों के गुणों से संपन्न है और इसे कई सालों तक बगैर संक्रमित हुए सुरक्षित रख सकते हैं। घर में इसे रखने से कभी भी कोई नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में सकारात्मकता लाने के लिए कोई भी वस्तु सही दिशा में रखनी चाहिए। गंगा जल को अंधेरे स्थान पर न रखें। इसे घर के विभिन्न कमरों में रखें जिससे सभी कमरों में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

ज्योतिष के अनुसार घर की महिला तारों की छाया में उठकर सारे घर की साफ-सफाई करने के उपरांत नित्य कार्यों से निवृत्त होकर शुद्ध वस्त्र धारण करे तांबे का लोटा लेकर उसमें गंगा जल और तुलसी पत्र डालकर घर के मुख्य द्वार पर छिड़काव करे, स्वास्तिक बनाएं और रंगोली सजाए। पवित्र वातावरण का घर में संचार होने से सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का वास होता है। पारिवारिक सदस्य निरोगी रहते हैं।

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