वास्तु के अनुसार बनाएं फ्लोर लेवल

Monday, Feb 23, 2015 - 12:42 PM (IST)

फ्लोर लेवल मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में ग्राऊण्ड फ्लोर को छोड़कर शेष सभी ऊपरी मंजिलों के फ्लोर का लेवल सामान्यतः समतल रहता है किन्तु, टायलेट बाथरूम के फर्श का लेवल आधा या एक इंच नीचे रखा जाता है। जिन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में बाहर की ओर बालकनी निकली होती है वहां बालकनी का फ्लोर लेवल 3-4 इंच तक नीचा रखा जाता है ताकि बारिश का पानी अंदर कमरों में ना आ सके। 

 
इसी प्रकार कई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में खिड़की के बाहर गमले की तरह लगभग खिड़की की चौड़ाई के बराबर ड़ेढ-दो फीट गहरे फ्लावर बेड बने होते हैं जो सामान्यतः घर के फर्श से थोड़े नीचे या बराबर रखकर बनाए जाते हैं, जिसमें मिट्टी भरकर भवन की खूबसूरती बढ़ाने के लिए पौधे उगाए जाते हैं। 
 
वास्तु परामर्श के दौरान मुझे देखने में आया है कि, लोग फ्लावर बेड के आसपास लोहे की मजबूत ग्रील लगाकर फ्लावर बेड के गड्ढे को भरकर घर के कमरे में मिला लेते हैं या कोई उस जगह का उपयोग कपड़े सुखाने के लिए करने लगते हैं और फ्लावर बेड में मिट्टी भी नहीं भरते हैं। ध्यान रहे फ्लावर बेड में जाली लग जाने से फ्लावर बेड का एरिया भी घर का ही भाग बन जाता है। 
 
इन टायलेट बाथरूम, बालकनी और फ्लावर बेड की ऊंचाई, नीचाई का शुभ, अशुभ प्रभाव इस पुस्तक में दिए गए अध्याय वास्तु सिद्धान्तों के अनुसार प्लाट  की ऊंचाईयों और नीचाईयों का प्रभाव के अनुसार उस भवन में रहने वालों पर पड़ता है। यदि फ्लावर बेड वाले भाग को लोहे की जाली से नहीं ढंका जाए तो ऐसे फ्लावर बेड की नीचाई का कोई वास्तु प्रभाव घर पर नहीं पड़ता चाहे उसमें मिट्टी भरी हो या ना भरी हो क्योंकि ऐसा फ्लावर बेड एक छज्जे की तरह हो जाता है।
 
- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@yahoo.co.in
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