कोरोनिल से केवल कोरोना के मरीज ठीक होने की बात कही- आचार्य बालकृष्ण

punjabkesari.in Tuesday, Jun 30, 2020 - 09:08 PM (IST)

हरिद्वार, 30 जून :भाषा: ''कोरोनिल'' को लांच किए जाने के ठीक एक सप्ताह बाद योग गुरू स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को कहा कि उसने कभी कोरोना की दवाई बनाने का दावा नहीं किया और केवल यही कहा कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली इस दवाई से कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं ।
यहां कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रामदेव के करीबी सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ''हमने दवाई :कोरोनिल: के लिए कभी नहीं कहा कि हम कोरोना को नियंत्रित करते हैं, उसका इलाज करते हैं, हमने केवल यही कहा कि हमने ये दवाइयां बनाई थीं, इन्हें क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल के लिये दिया और इससे कोरोना के रोगी ठीक हो गये । इसमें कहीं भी कोई भ्रम नहीं है ।'' उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आयुष विभाग द्वारा दिए गये नोटिस के जवाब में भी स्थिति स्पष्ट कर दी गयी है और उनके प्रश्नों के जवाब में बता दिया है कि हमने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाने की दवाई बनाने के लिये लाइसेंस लिया था और लेबल में भी उसी का दावा किया गया है ।
बालकृष्ण ने कहा कि यह दवाई तुलसी ,गिलोय, अश्वगंधा का मिश्रण है और जब कोरोना मरीजों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल किया तो उससे वह ठीक हो गये । उन्होंने कहा कि अगर आयुष मंत्रालय उनसे दोबारा क्लीनिकल ट्रायल करने को कहेगा तो उसके लिए भी वह तैयार हैं । उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ षड्यंत्र के तहत भ्रम फैलाया गया है ।
''कोरोनिल'' को पतंजलि द्वारा कोरोना की दवाई के रूप में प्रचारित और प्रसारित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर आचार्य ने कहा कि ऐसा कभी नहीं किया और केवल दवाई के क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल के परिणामों को देश के सामने रखा और कहा कि इस दवाई के प्रयोग से कोरोना के रोगी ठीक हो गये । पिछले सप्ताह 23 जून को स्वामी रामदेव ने कोरोनिल लांच की थी और इससे कोरोना मरीजों को ठीक करने का दावा किया था । इस संबंध में उन्होंने बताया था कि राजस्थान के एक मेडिकल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कोरोनिल के क्लिनिकल ट्रायल किए जा चुके हैं और इससे शत प्रतिशत कोरोना मरीज ठीक हो गये हैं ।
हांलांकि, इसके लांच होते हुए देश में विवाद छिड गया और केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इस मामले की जांच होने तक दवाई की बिक्री और विज्ञापन पर रोक लगा दी थी। साथ ही उत्तराखंड के आयुष विभाग ने भी कोरोना की दवा बनाने की कोई अनुमति या लाइसेंस नहीं लिए जाने की बात कहते हुए पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी किया था ।



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PTI News Agency

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