दून रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास में कई बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि

Thursday, May 21, 2020 - 08:00 PM (IST)

देहरादून, 21 मई (भाषा) कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के बीच 125 करोड रूपये की अनुमानित लागत वाली देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने बोली- पूर्व की ऑनलाइन बैठक की जिसमें जीएमआर ग्रुप, महिंद्रा लाइफस्पेस तथा अडानी रोड ट्रांसपोर्ट जैसी देश की 22 जानी मानी कंपनियों ने भाग लिया।
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव की मौजूदगी में हुई इस बैठक में कंपनियों ने विभिन्न प्रकार के अनुमोदन, पेड़ काटने की अनुमति और योजनाओं की मंजूरी से संबंधित सवाल पूछे जिनका मौके पर ही जवाब दिया गया।
आरएलडीए द्वारा बृहस्पतिवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, अधिकारियों ने कंपनियों को विश्वास दिलाया कि भविष्य में भी जरूरत पडने पर ई-मेल द्वारा जवाब दिये जायेंगे।
बोली- पूर्व की इस बैठक में भाग लेने वाले अन्य डेवलपर्स में ओमैक्स डेवलपर्स, आई स्क्वायर कैपिटल, पैसिफिक डेवलपर्स, थोथ इन्फ्रा आदि शामिल थे।
इस परियोजना के लिए आरएलडीए ने 13 मई को रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन आमंत्रित किये थे जिसके लिए बोली जमा करने की तारीख पांच जून रखी गयी है।
आरएलडीए के उपाध्यक्ष डुडेजा ने कहा, '' देहरादून रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास हमारे और भारतीय रेलवे की स्वप्निल परियोजनाओं में से एक है। इसे सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसके तहत स्टेशन के आस-पास उपलब्ध खाली रेलवे भूमि या हवाई क्षेत्र में रियल स्टेट विकास की संभावनाओं का लाभ उठाया जाएगा।'' प्रस्तावित भूमि का कुल क्षेत्रफल लगभग 25 एकड़ है जिसमें से लगभग आधी भूमि रेलवे मैन्डेटरी डेवलपमेंट जैसे स्टेशन बिल्डिंग और रेलवे यात्री सुविधाओं और कार्यालयों के लिए आवंटित है जबकि शेष 50% भूमि रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए आवंटित की जाएगी।
रियल एस्टेट डेवलपमेंट के लिए आवंटित भूमि में से 40 % बिल्टअप एरिया हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और 60% बिल्टअप एरिया मॉल, होटल, रिटेल, मल्टी-लेवल पार्किंग और ऑफिस स्पेस जैसे वाणिज्यिक कामों के लिए आवंटित की जायेगी ।
आरएलडीए ने देहरादून स्टेशन के पुनर्विकास के लिए एमडीडीए के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है जिसमें इस परियोजना के लिए मास्टर प्लानिंग, बिड प्रोसेसिंग और निर्माण पर्यवेक्षण का कार्य एमडीडीए करेगा ।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष श्रीवास्तव ने बताया कि एमडीडीए परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए जरूरी योजनाओं को तेजी से मंजूरी देगा ताकि तीन साल में स्टेशन के मैन्डेटरी डेवलपमेंट को पूरा करने का लक्ष्य हासिल हो सके। उन्होने बताया कि परियोजना के 40 फीसदी हिस्से वाले रियल एस्टेट डेवलपमेंट को भी आठ साल के भीतर पूरा किया जाएगा।
रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए नोडल एजेंसी आरएलडीए केंद्र द्वारा शुरू किए गए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के साथ पीपीपी मॉडल के आधार पर देश भर के कुल 62 रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकसित कर रही है। पुनर्विकास की पूरी लागत स्टेशन के भीतर और आसपास की खाली रेलवे भूमि के वाणिज्यिक विकास से निकाली जाएगी।


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PTI News Agency

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