वाह री अखिलेश सरकारः ''जननी'' को भी लूट लिया

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2015 - 12:51 AM (IST)

नई दिल्ली: यू.पी की राजनीति जो सब की तोबा करवा दे। फिर चाहे राज माया का हो या मुलायम का। अपने समय में दोनों ने ही जनता को दरकिनार किया है।ये हम नहीं जनता ही कहती है। जनता ने सोचा था अखिलेश सरकार में उन्हें सब अच्छा मिलेगा लेकिन एेसा नहीं हुअा जिन सवालों का जवाब ना दे पाने की वजह से मायावती सत्ता से बाहर  गई थीं तीन साल बाद उन्हीं सवालों के घेरे में हैं अखिलेश सरकार। 

जिस घोटाले की गूंज यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में खूब देखने सुनने को मिली थी उसी घोटाले की गूंज एक बार फिर सुनाई दे रही है। जानकारी मिली है कि यूपी की जननी सुरक्षा योजना में भारी घोटाला हुआ है। जांच दौरन ऐसी महिला मिली जिसे 10 महीने में पांच बच्चों को जन्म देने वाली मां बता कर पैसे का बंदरबाट किया गया।

हर साल भारत में करीब चार लाख शिशुओं की जन्म  के चौबीस घंटे के दौरान ही मौत हो जाती है। हर साल 56,000 महिलाओं की प्रसव के दौरान ही जान चली जाती है। जच्चा और बच्चा की मृत्यु पर अंकुश लगाने के लिए करीब दस साल पहले राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन के तहत  जननी सुरक्षा योजना शुरू हुई थी।

इस योजना के तहत घर के बजाय सरकारी अस्पतालों में डिलिवरी कराने पर गर्भवती औरतों को 1400 रुपए की आर्थिक मदद देने का एलान हुआ था लेकिन इस योजना के नाम पर यूपी में लूट  मची है । 

पिछले वित्तीय वर्ष में यूपी में 23 लाख 52 हज़ार महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना में पैसे मिले। इनमे से करीब पंद्रह लाख महिलाएं ग्रामीण इलाकों की हैं। करीब तीन सौ करोड़ रुपये जननी सुरक्षा योजना में बांटे गए।  सूत्रों के मुताबिक़ साढ़े तेईस लाख के आंकड़े में से करीब एक चौथाई फर्जी हैं। इसका मतलब हुआ कि यूपी की जननी सुरक्षा योजना में 75 करोड़ रुपए का घपला हुआ। ये आंकड़ा तो सिर्फ एक साल के है।

ज्ञात हो माया सरकार के दो मंत्रियों को इसी घोटाले कारण इस्तीफा देना पड़ा था।उस समय के एक मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा तीन सालों से जेल में हैं। कई डाक्टर, कर्मचारी और ठेकेदार भी जेल में हैं। लखनऊ में ही दो दो सीएमओ की दिनदहाड़े गोली मार कर ह्त्या कर दी थी। एक डिप्टी सीएमओ तो जेल में ही मरा मिला था।  

पिछले तीन सालों में यूपी मे जननी सुरक्षा योजना में करीब दो सौ करोड़ के वारे न्यारे हो चुके है लेकिन कार्रवाई के नाम पर स्वास्थय विभाग के कुछ कर्मचारी ही सस्पेंड हुए हैं।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News