फांसी के विरोध में उतरे BJP विधायक वरुण गांधी

Saturday, Aug 01, 2015 - 07:27 PM (IST)

लखनऊ: 1993 मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी के बाद सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने हाल ही एक इंटरव्यू में फांसी की सजा को खत्म करने पर जोर दिया है। वरुण ने जाति और वर्ग के नजरिए से भी मृत्युदंड का विश्लेषण किया। उन्होंने नैशनल रिसर्च काउंसिल की एक रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि मृत्युदंड पाए 75 फीसदी दोषी समाज के कमजोर तबके से ताल्लुक रखते हैं, 94 फीसदी दोषी दलित हैं या अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। उन्होंने इसके पीछे की वजहों को भी पोस्टमॉर्टम किया है।

वरुण ने भारत के भी कई ऐसे मामलों का हवाला दिया है, जो न्याय के लिहाज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हुए। इनमें उन्होंने देश के क्रांतिवीर भगत सिंह, राजगुरु से लेकर शहनवाज खान, गुरबख्श सिंह ढिल्लन और प्रेम सहगल की सजा का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम हर दौर में तानाशाह और कातिल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बेबीलोन सभ्यता और ईसा मसीह से लेकर तमाम सभ्यताओं में मृत्युदंड की प्रथाओं और नियमों को ताक पर रखते हुए बेहद क्रूर और निरंकुशतावादी प्रचलन था।
 
वरुण के मुताबिक च्2014 में भारतीय अदालतों ने 64 लोगों को फांसी की सजा सुनाई, जिसकी वजह से भारत फांसी की सजा सुनाने वाले 55 देशों की लिस्ट में टॉप 10 देशों में है।ज् उन्होंने 1983 में आए च्रेयरस्ट ऑफ द रेयरज् मामलों में फांसी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी विश्लेषण किया है।
 
इतना ही नहीं, वरुण ने अदालतों के फैसलों पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि फैसलों के सही होने की गारंटी नहीं दी सकती। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी को कोट करते हुए बताया कि 1973-1995 के बीच मृत्युदंड के 5,760 केसों में से 70 फीसदी में कहीं न कहीं गलती हुई। इसलिए भारत में इस सजा से हटकर कोई दूसरा विकल्प होना चाहिए। बहरहाल, अब देखना यह होगा वरुण की इस बयान पर क्या हमारे देश का कानून अपने नियमों को बदलेगा।
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