पीड़ित किसानों से मजाक: मोदी ने राहत के नाम पर प्रति किसान दिए मात्र 91 रुपए

Sunday, Jul 26, 2015 - 02:55 PM (IST)

लखनऊ: सपा के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के बयान-अधिकतर किसान प्रेम प्रसंगों एवं नपुंसकता के कारण आत्महत्या करते हैं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शिवपाल ने उनके बयान को देश के किसानों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा, किसान पसीना बहाकर व हड्डियां गलाकर देश के लिए अन्न उपजाते हैं। उनके लिए ऐसे विचार अनुचित ही नहीं निंदनीय हैं। यदि केंद्र सरकार किसानों के लिए कुछ कर नहीं सकती तो उनके आत्मसम्मान एवं गरिमा को ठेस तो न पहुंचाए। देश के अन्नदाताओं से मोदी सरकार को माफी मांगनी चाहिए। 
 
केंद्रीय कृषि मंत्री का बयान इस तथ्य को रेखांकित करता है कि खेती-किसानी के मामले में भाजपा नासमझ पार्टी है। उसकी सरकार किसानों के प्रति संवेदनहीन है। राज्यसभा में कृषि मंत्री ने इस सच को उजागर किया है कि सबसे ज्यादा किसानों ने महाराष्ट्र और फिर तमिलनाडु में आत्महत्या की। शिवपाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री को देश के गांवों में घूमकर किसानों की वास्तविक स्थिति जानने और महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को पढऩे की सलाह दी है।उन्होंने कहा, भाजपा नेता यह झूठ फैला रहे हैं कि सर्वाधिक किसानों ने उ.प्र. में आत्महत्या की। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के बावजूद बेहतर नीतियों के कारण प्रदेश में किसानों के हालात में गुणात्मक सुधार आया है।
 
खेतों तक निशुल्क पानी पहुंच रहा है। हमने सहकारी संस्थाओं से खाद व बीज पर्याप्त मात्रा में समय से उपलब्ध कराया। शिवपाल ने कहा, केंद्र की किसान विरोधी सोच इसी से स्पष्ट होती है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत के लिए मात्र 2,801 करोड़ रुपये मंजूर किए जो जरूरत का तिहाई है। इसके विपरीत प्रदेश सरकार अपने बजट से तीन हजार करोड़ रुपये आपदा प्रभावित किसानों को तत्काल दे चुकी है। प्रदेश को प्रति किसान मात्र 91.19 रुपये दिए गए हैं। यह कहां से तर्क संगत है?
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