‘दामादों’ की नियुक्ति मामले में दखल नहीं देगा राजभवन

Saturday, Jul 25, 2015 - 05:26 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर पर अपने-अपने दामादों की नियुक्ति गलत तरीके से करने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच कराने का आग्रह राज्यपाल से किया गया था, लेकिन राजभवन ने इन दोनों मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस पूरे मामले की शिकायत राजभवन से की थी और इसकी जांच कराने का आग्रह किया था, लेकिन राज्यपाल की प्रमुख सचिव जुथिका पाटनकर ने एक पत्र भेजकर राजभवन का रुख स्पष्ट कर दिया है। राज्यपाल की प्रमुख सचिव जुथिका पाटनकर ने डॉ. नूतन को 21 जुलाई को भेजे पत्र में कहा है कि राजभवन के पास विधानसभा में की गई नियुक्तियों के संबंध में जांच कराने की कोई संवैधानिक या विधिक भूमिका नहीं होती है।
 
प्रमुख सचिव ने कहा है कि राजभवन विधानसभा से जुड़े इन दोनों मामलों की जांच नहीं कर सकता। पत्र में हालांकि यह भी कहा गया है कि डॉ. नूतन ठाकुर उचित फोरम पर इस प्रकरण को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। ज्ञात हो कि नूतन ठाकुर ने राज्यपाल राम नाईक से शिकायत की थी कि माता प्रसाद पांडेय ने अपने बड़े दामाद प्रदीप कुमार पांडेय को संपादक और छोटे दामाद नरेंद्र शंकर पांडेय को ओएसडी नियुक्ति किया है, जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजभर ने अपने दामाद राजेश कुमार को शोध और संदर्भ अधिकारी के पद पर बिना न्यूनतम अर्हता पूरी किए व बिना प्रक्रिया का पालन किए नियुक्त करने की शिकायत की थी। बेशुमार जनहित याचिकाओं के लिए चर्चित नूतन ठाकुर ने कहा कि वह अब इस मामले को अदालत में ले जाएंगी।
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