लश्कर आतंकियों को पहले लातों-घूंसों से पीटा और फिर..., PoK में लोगों ने इस तरह निकाला आतंकियों पर गुस्सा

punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 01:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके के एक गांव में स्थानीय लोगों ने आतंकियों के खिलाफ अपनी नाराजगी ज़ाहिर की है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने बच्चों को आतंकी बनाने की कोशिश की, लेकिन जब स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने आतंकियों को लात-घूंसों से पीटा और जूते मारकर उन्हें वहां से भगा दिया। यह घटना दिखाती है कि पीओके के सामान्य लोग आतंकवाद के खिलाफ किस कदर खड़े हैं और अपने बच्चों को आतंकवाद की चपेट में आने से बचाने के लिए कितने गंभीर हैं।

पाकिस्तान में बढ़ रहा आतंकवाद और बच्चों का इस्तेमाल

पाकिस्तान में आतंकवाद पिछले कई वर्षों से बढ़ता ही जा रहा है। आतंकी संगठन न सिर्फ बड़े हमले करते हैं बल्कि बच्चों को भी छोटी उम्र से ही आतंकवाद की ट्रेनिंग देते हैं। यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। खासकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी संगठन बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते हैं और उन्हें हिंसक गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश करते हैं।

पीओके के गांव में आतंकियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा

हाल ही में पीओके के एक छोटे से गांव में जब स्थानीय लोगों को पता चला कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी बच्चों को अपनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहां के लोग भड़क उठे। उन्होंने तय किया कि वे आतंकवाद को अपने इलाके में पनपने नहीं देंगे। स्थानीय लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया।

आतंकियों की पिटाई और उन्हें जूते मारकर भगाया गया

जब आतंकवादी बच्चों को आतंकवाद की ट्रेनिंग देने की कोशिश में लगे थे, तो स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने आतंकियों को लात-घूंसों से पीटा और बाद में जूते मारकर उन्हें गांव से बाहर निकाल दिया। इस पिटाई में लश्कर की शाखा जेकेयूएम का कमांडर रिजवान हनीफ भी शामिल था। स्थानीय लोगों की इस साहसिक कार्रवाई से साबित होता है कि वे अपने बच्चों को आतंकवाद के चंगुल से बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।

गांव में सार्वजनिक पंचायत (जिरगा) का गठन

पीओके के एक स्थानीय नेता ने बताया कि गांव के बुजुर्ग और युवा अब मिलकर एक सार्वजनिक पंचायत यानी जिरगा बुलाने की योजना बना रहे हैं। इस पंचायत का मकसद आतंकियों को किसी भी तरह का समर्थन देने और उनकी गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाना होगा। इससे स्थानीय स्तर पर आतंकवाद को काबू में रखने की कोशिश की जाएगी।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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