Hyderabad Fire: मां ने जलते घर में आखिरी सांस तक 4 बच्चों को सीने से लगाए रखा, पड़ोसियों ने बताया आंखों देखा मंजर

punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 09:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हैदराबाद की एक भयावह रात ने सिर्फ जिंदगियां नहीं छीनी, बल्कि एक ऐसी ममता की अमिट छाप छोड़ दी जिसे शब्दों में पिरोना आसान नहीं। चारमिनार के पास स्थित गुलजार हाउस इलाके में लगी आग से फैली चीख-पुकार, लपटों और धुएं के बीच एक मां ने अपने अंतिम क्षणों में जो किया, वह इंसानियत की सबसे ऊंची मिसाल बन गया। इस दिल दहला देने वाली घटना में कुल 17 लोगों की मौत हुई, जिनमें 8 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। लेकिन इन सबमें एक मां की तस्वीर ऐसी थी, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं और दिल दहला दिया।

जलते घर में आखिरी सांस तक बच्चों की ढाल बनी रही मां

आग जब तेजी से फैली और लोग जान बचाने के लिए इमारत से बाहर भागने लगे, उस वक्त एक मां अपनी चार संतानों को सीने से लगाए एक कमरे में फंसी हुई थी। जब राहत कार्य में जुटे लोग पहली मंजिल पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक महिला की जली हुई लाश फर्श पर पड़ी थी—लेकिन वो अकेली नहीं थी। उसकी बाहों में चार बच्चे थे- दो बेटियां, एक बेटा और एक नवजात शिशु। उसके हाथ में एक मोबाइल था, जिसकी टॉर्च जल रही थी। शायद धुएं से भरे अंधेरे कमरे में रास्ता ढूंढने की आखिरी कोशिश कर रही थी। या फिर बच्चों को भरोसा देने की-कि अभी उम्मीद बाकी है।

पड़ोसियों ने बताया आंखों देखा मंजर

इस भयावह मंजर को सबसे पहले देखने वालों में मीर जाहिद और मोहम्मद अजमत शामिल थे, जो पास की इमारत की दीवार तोड़कर भीतर घुसे थे। अजमत ने बताया, "जब हम वहां पहुंचे, तो देखा कि वह महिला चार बच्चों को अपनी बाहों में जकड़े हुए थी, जैसे अपने शरीर से उन्हें आग से बचा रही हो।" उन्होंने तुरंत एक चादर से मां और बच्चों के शवों को ढक दिया, लेकिन कहते हैं कि "वो पल ज़िंदगी का सबसे भारी पल था, जिसे शायद कभी बयां नहीं कर पाऊंगा।"

मां का नाम भले अज्ञात, ममता की पहचान अमर

उस महिला का नाम, उसकी पहचान अब मायने नहीं रखती। मायने रखती है उसकी ममता, उसका साहस, और वो अंतिम प्रयास, जिससे वह अपने बच्चों को बचाने की कोशिश करती रही। आग की लपटों में झुलसती रही, लेकिन अपने आंचल को ढाल बनाए रखा।

सिर्फ एक हादसा नहीं, एक अमर गाथा

हैदराबाद की ये घटना सिर्फ एक त्रासदी नहीं, बल्कि एक मां की ममता और इंसानियत की सबसे सशक्त कहानी है। ये उस प्रेम की कहानी है जो आखिरी सांस तक हार नहीं मानता। जैसे कहा जाता है –"मां कभी हार नहीं मानती… और कभी किसी आग से नहीं जलती, वो तो खुद जलकर भी अपने बच्चों को बचा लेती है।"


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Content Writer

Anu Malhotra

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