Heart Failure Alert: बिस्तर पर जाते ही दिखते हैं हार्ट फेल्योर ये लक्षण, भूलकर भी नजरअंदाज न करें ये लक्षण

punjabkesari.in Monday, Aug 04, 2025 - 02:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज के तेज रफ्तार जीवन में खराब खानपान, तनाव और गलत आदतें दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं। खासकर हार्ट फेल्योर, जो दिल की सबसे गंभीर बीमारी है, वह अचानक नहीं आता बल्कि धीरे-धीरे बढ़ता है। दिल कमजोर होने लगने के पहले हमारे शरीर में कुछ ऐसे संकेत दिखने लगते हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

बिस्तर पर जाने के बाद दिखने वाले हार्ट फेल्योर के खास लक्षण

रात को जब आप सोने जाते हैं तब ये संकेत ज्यादा स्पष्ट हो जाते हैं, क्योंकि शरीर आराम की स्थिति में होता है और दिल व फेफड़ों की समस्याएं ज्यादा महसूस होती हैं। आइए जानते हैं वे खास लक्षण जिन पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

  • सांस फूलना और तकिए के सहारे सोना पड़ना
    अगर आप सीधे लेटते ही सांस लेने में दिक्कत महसूस करते हैं या आपको दो या तीन तकिए के सहारे सोना पड़ता है तो यह फेफड़ों में पानी भरने का संकेत हो सकता है। यह हार्ट फेल्योर का एक बड़ा लक्षण होता है क्योंकि कमजोर दिल ठीक से खून पंप नहीं कर पाता जिससे तरल पदार्थ फेफड़ों में जमा हो जाता है।

  • घरघराहट और खांसी
    सोते समय या लेटते हुए सांस में घरघराहट की आवाज आना या बार-बार खांसी आना भी हार्ट फेल्योर की निशानी हो सकती है। यह फेफड़ों में जमा तरल पदार्थ के कारण होता है और इसे अनदेखा करना नुकसानदेह हो सकता है।

  • पैरों और टखनों में सूजन
    अगर बिस्तर पर लेटने पर या दिनभर टखनों और पैरों में सूजन आती है तो यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। हार्ट जब ठीक से काम नहीं करता तो शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं जो सूजन पैदा करते हैं।

  • वजन बढ़ना और सूजन
    अचानक बिना किसी वजह के वजन बढ़ना खासकर पेट और पैरों में सूजन के साथ हो तो यह भी हार्ट फेल्योर का संकेत हो सकता है। इसका मतलब शरीर में तरल और फैट जमा हो रहा है जो दिल पर दबाव बढ़ाता है।

  • नींद में परेशानी और थकान
    अगर आप पूरी रात करवटें बदलते रहते हैं, अच्छी नींद नहीं आती या सुबह उठने के बाद भी शरीर थका हुआ लगता है तो यह भी दिल की कमजोरी का संकेत है। कमजोर दिल शरीर को पर्याप्त खून नहीं पहुंचा पाता जिससे थकान बनी रहती है।

हार्ट फेल्योर के बढ़ने के प्रमुख कारण

हार्ट फेल्योर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • हाई ब्लड प्रेशर
    अगर रक्तचाप नियंत्रित न हो तो दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जो हार्ट फेल्योर का कारण बन सकता है।

  • डायबिटीज
    मधुमेह के मरीजों में हार्ट की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है।

  • फैमिली हिस्ट्री
    अगर परिवार में पहले किसी को हार्ट की बीमारी रही हो तो जोखिम बढ़ जाता है।

  • गलत लाइफस्टाइल और खानपान
    धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, ज्यादा तेल-मसाले वाला खाना, तनाव और कम नींद हार्ट फेल्योर के मुख्य कारण हैं।

हार्ट फेल्योर से बचाव के लिए जरूरी उपाय

दिल को स्वस्थ रखने और हार्ट फेल्योर से बचने के लिए हम सभी को अपने जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। कुछ जरूरी सुझाव इस प्रकार हैं:

  • धूम्रपान और तंबाकू छोड़ें
    ये आदतें दिल को कमजोर करती हैं और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं।

  • स्वस्थ और संतुलित भोजन लें
    तेल, घी, और फैट की मात्रा कम करें। हरी सब्जियां, फल, और फाइबर युक्त आहार को प्राथमिकता दें।

  • तनाव कम करें
    तनाव दिल की बीमारियों को बढ़ाता है इसलिए योग, ध्यान या अन्य रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं।

  • पर्याप्त नींद लें
    रात को कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है ताकि दिल और शरीर दोनों स्वस्थ रहें।

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें
    तेज चलना, साइकलिंग, स्विमिंग जैसी गतिविधियां दिल को मजबूत बनाती हैं।

  • नियमित जांच कराएं
    अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट की समस्या है तो समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है।

हार्ट फेल्योर के शुरुआती लक्षणों को समझना है जरूरी

हार्ट फेल्योर एक गंभीर स्थिति है लेकिन यदि इसे समय रहते समझ लिया जाए और सही इलाज किया जाए तो इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसलिए शरीर के छोटे-छोटे संकेतों को नजरअंदाज न करें।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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