Cholesterol: हाथ को देखकर केवल भविष्य ही नहीं, कोलेस्ट्रॉल का भी चलता हैं पता; ऐसे करें पहचान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोलेस्ट्रॉल को अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण शुरू में आसानी से दिखाई नहीं देते। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका शरीर, खासतौर पर हाथ, पैर और आंखें, कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के संकेत देने लगते हैं? डॉक्टरों के अनुसार यदि समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे खतरों से बचा जा सकता है। आज की इस खास रिपोर्ट में जानिए, कैसे हाथों और आंखों में दिखने वाले कुछ बदलाव कोलेस्ट्रॉल के स्तर का संकेत दे सकते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल का खतरा पहले केवल उम्रदराज लोगों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब यह समस्या युवाओं में भी तेजी से देखने को मिल रही है। असंतुलित आहार, फास्ट फूड्स की आदत, शारीरिक गतिविधियों में कमी और अत्यधिक तनाव इसके मुख्य कारण माने जाते हैं। जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, मोटापे का शिकार हैं या जिनके परिवार में पहले से हार्ट डिजीज की हिस्ट्री रही है, उनमें इसका खतरा अधिक होता है।

कोलेस्ट्रॉल के बाहरी संकेत: हाथों की त्वचा पर दिख सकते हैं बदलाव

डॉक्टरों के अनुसार एक विशेष लक्षण जिसे ‘टेंडन जैंथोमाटा’ कहा जाता है, वह कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने का संकेत हो सकता है। यह दरअसल कोलेस्ट्रॉल का एक प्रकार का जमाव होता है जो हाथों की उंगलियों, पैरों या घुटनों के पास सूजन के रूप में उभरता है। टेंडन जैंथोमाटा पीले रंग के छोटे-छोटे नोड्यूल या पपल्स के रूप में दिखाई देते हैं जो समय के साथ धीरे-धीरे सख्त हो जाते हैं। जब इन्हें दबाया जाता है या इनमें हिल-डुल होती है तो इनमें दर्द या संवेदनशीलता महसूस हो सकती है। यह गांठें त्वचा पर साफ-साफ नजर आने लगती हैं और किसी भी सामान्य सूजन से अलग होती हैं। यदि आपको हाथों या पैरों पर इस तरह की कोई असामान्य सूजन या पीली गांठें दिख रही हैं, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि यह हाई कोलेस्ट्रॉल का शुरुआती संकेत हो सकता है।

आंखों में दिखने वाले संकेत भी हैं अहम

हाथों के अलावा आंखों में भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ खास संकेत दिखाई दे सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि यदि आपकी आंखों के चारों ओर पीले रंग का हल्का सा उभार नजर आने लगे तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत माना जा सकता है। इसे मेडिकल भाषा में कॉर्नियल आर्कस (Corneal Arcus) कहा जाता है, जो आंख के आइरिस के चारों ओर बनने वाली एक ग्रे या पीली रंग की रिंग होती है। आमतौर पर यह रिंग उम्र बढ़ने के साथ नजर आती है, लेकिन अगर यह कम उम्र में दिखे तो तुरंत कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना जरूरी हो जाता है। यह रिंग लिपिड यानी वसा के जमा होने का संकेत हो सकती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ती मात्रा को दर्शाती है। यदि आपकी आंखों में इस तरह का कोई बदलाव नजर आ रहा है तो इसे नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

 

कोलेस्ट्रॉल है साइलेंट किलर: समय पर पहचान जरूरी

कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे शरीर में जमा होता है और समय के साथ यह रक्त धमनियों को संकरा कर सकता है जिससे हृदय रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार यदि समय रहते कोलेस्ट्रॉल का पता चल जाए और इसे कंट्रोल कर लिया जाए तो बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

घर बैठे कैसे करें पहचान?

हालांकि बिना ब्लड टेस्ट कराए कोलेस्ट्रॉल का सही स्तर पता लगाना पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन शरीर पर कुछ बाहरी संकेत देखकर आप इसके बढ़ने का अंदाजा जरूर लगा सकते हैं। अगर आपकी त्वचा पर पीले रंग के नोड्यूल्स या गांठें बनने लगें, आंखों के चारों ओर पीली रिंग नजर आए, या फिर घुटनों और एड़ियों के आसपास सूजन बनी रहे, तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसी किसी भी असामान्यता को देखकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए ताकि समय रहते उचित उपचार शुरू किया जा सके।

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के उपाय

अगर ब्लड टेस्ट में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक पाया जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे कंट्रोल करने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ जरूरी बदलाव करने होते हैं। सबसे पहले रोजाना कम से कम 30 से 45 मिनट तक फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, जिससे शरीर सक्रिय और स्वस्थ रहता है। इसके अलावा अपने भोजन में अधिक फाइबर और कम फैट शामिल करें और तला-भुना, जंक फूड तथा मीठे पदार्थों का सेवन कम करें। धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचना भी बेहद जरूरी है क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग या ध्यान जैसे उपाय अपनाएं और अपनी सेहत पर नजर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराते रहें। इन आसान लेकिन प्रभावी कदमों से आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

कब और कितनी बार करानी चाहिए जांच?

डॉक्टरों की सलाह है कि 20 वर्ष की उम्र के बाद हर पांच साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करानी चाहिए ताकि समय रहते किसी समस्या का पता चल सके। यदि आपके परिवार में हार्ट रोग या कोलेस्ट्रॉल की समस्या की इतिहास है या आपका वजन सामान्य से अधिक है तो आपको हर दो से तीन साल में यह जांच कराना चाहिए। वहीं, 40 वर्ष की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल की जांच और भी अधिक आवश्यक हो जाती है क्योंकि इस उम्र में हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए नियमित जांच कराना बहुत जरूरी है।

कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली बीमारियां गंभीर हो सकती हैं लेकिन समय रहते इसके संकेत पहचानकर सही उपाय किए जाएं तो इससे बचाव संभव है। इसलिए जब भी हाथों या आंखों में कुछ असामान्य दिखे तो लापरवाही न करें। जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, सतर्कता ही सुरक्षा है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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