बाबा वेंगा से भी खतरनाक हैं जापान की ये महिला भविष्यवक्ता, जुलाई 2025 में महाप्रलय की चेतावनी!
punjabkesari.in Sunday, Apr 20, 2025 - 05:03 PM (IST)
नेशनल डेस्क: जापान की रहने वाली रियो तात्सुकी को वहां का "बाबा वेंगा" कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके द्वारा की गई कई भविष्यवाणियां अब तक सच साबित हो चुकी हैं। रियो कहती हैं कि वह जो कुछ भी अपने सपनों में देखती हैं, वही भविष्य में घटित होता है। उनकी खास बात ये है कि उन्होंने न सिर्फ प्रसिद्ध हस्तियों की मौत की भविष्यवाणी की थी बल्कि वैश्विक महामारियों तक का ज़िक्र अपनी किताब में पहले ही कर दिया था। तात्सुकी की नई और सबसे डराने वाली भविष्यवाणी है — जुलाई 2025 में जापान में एक भीषण सुनामी आने की चेतावनी। उन्होंने अपने सपनों में एक बड़ी जल-आपदा देखी है जिससे जापान के तटीय इलाकों में जबरदस्त तबाही मच सकती है। सरकार और आम लोगों को इसके प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
प्रिंसेस डायना और फ्रेडी मर्करी की मौत की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी
रियो तात्सुकी ने 1990 के दशक में ही ब्रिटेन की राजकुमारी डायना और प्रसिद्ध गायक फ्रेडी मर्करी की मृत्यु को लेकर भविष्यवाणी कर दी थी। और जैसा उन्होंने कहा, वैसा ही हुआ। उनकी ये सटीक भविष्यवाणी लोगों के मन में उनके प्रति विश्वास पैदा कर गई।
1999 में कोरोना का किया था जिक्र
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि तात्सुकी ने 1999 में प्रकाशित अपनी किताब "The Future as I See It" में एक भयानक महामारी की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने लिखा था कि यह महामारी अप्रैल में अपने चरम पर होगी। ये भविष्यवाणी भी सच निकली क्योंकि कोरोना महामारी की दूसरी लहर 2021 में अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हुई थी।
2030 में महामारी की वापसी का दावा
तात्सुकी ने अपनी किताब में ये भी बताया है कि 2030 में कोरोना जैसी महामारी एक बार फिर लौटेगी। उनके अनुसार, यह दूसरी बार और भी घातक रूप में सामने आएगी और दुनियाभर में तबाही मचाएगी। यह दावा वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है।
बाबा वेंगा की 2025 की चेतावनी से मेल खाती हैं भविष्यवाणियां
रियो तात्सुकी की भविष्यवाणियां मशहूर भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की चेतावनियों से मेल खाती हैं। बाबा वेंगा ने कहा था कि 2025 से दुनिया के अंत की शुरुआत होगी। यूरोप में एक बड़ा संघर्ष होगा और लाखों लोगों की जान जा सकती है। रियो की बातों को अगर गंभीरता से लिया जाए तो हम एक बेहद चुनौतीपूर्ण दौर की ओर बढ़ रहे हैं।
