दुनिया का सबसे बड़ा सिल्वर किंग कौन? जानें किस देश के पास है सबसे ज्यादा चांदी का भंडार
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 07:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क : चांदी को हमेशा से दुनिया की सबसे कीमती और बहुमूल्य धातुओं में से एक माना गया है। यह न केवल अपनी चमक और सुंदरता के लिए जानी जाती है, बल्कि उद्योग, चिकित्सा, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में इसके उपयोग के कारण इसकी आर्थिक अहमियत और भी बढ़ जाती है। जिन देशों के पास चांदी के बड़े भंडार हैं, वे न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी उनका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। आइए जानते हैं दुनिया के सबसे बड़े चांदी उत्पादक देशों के बारे में
1. पेरू
पेरू 1,40,000 मीट्रिक टन चांदी के भंडार के साथ दुनिया में पहले स्थान पर है। हुआरी प्रांत में स्थित एंटामिना खदान देश की सबसे बड़ी और उत्पादक खदानों में से एक है। पेरू की अर्थव्यवस्था में चांदी का खनन प्रमुख भूमिका निभाता है और यह देश की निर्यात आय का एक बड़ा हिस्सा है।
2. रूस
रूस 92,000 मीट्रिक टन चांदी के भंडार के साथ दूसरे स्थान पर है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, रूस वैश्विक चांदी बाजार में अपनी स्थिरता बनाए हुए है। यहां का खनन कार्य मुख्य रूप से साइबेरिया और यूराल क्षेत्रों में केंद्रित है, जो घरेलू उत्पादन को मजबूती देता है।
3. चीन
चीन के पास लगभग 17,000 मीट्रिक टन चांदी के भंडार हैं। देश का सबसे बड़ा उत्पादन केंद्र हेनान प्रांत का यिंग खनन क्षेत्र है। बीते वर्षों में चीन ने रणनीतिक निवेश और बड़े पैमाने पर खनन के जरिए चांदी और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है।
4. पोलैंड
पोलैंड 61,000 मीट्रिक टन चांदी भंडार के साथ चौथे स्थान पर है। यहां की सरकारी कंपनी KGHM Polska Miedź देश की सबसे बड़ी तांबा और चांदी उत्पादक है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।
5. मेक्सिको
मेक्सिको के पास लगभग 37,000 मीट्रिक टन चांदी के भंडार हैं और यह इस सूची में पांचवें स्थान पर है। जाकाटेकास स्थित पेनास्किटो खदान न केवल मेक्सिको की दूसरी सबसे बड़ी खदान है, बल्कि विश्व की शीर्ष पांच खदानों में भी शामिल है।
अन्य प्रमुख देश
चांदी के अन्य बड़े भंडार वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया (27,000 मीट्रिक टन), चिली (26,000 मीट्रिक टन), अमेरिका (23,000 मीट्रिक टन), बोलिविया (22,000 मीट्रिक टन) और भारत (8,000 मीट्रिक टन) शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती औद्योगिक मांग और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में चांदी के उपयोग के चलते आने वाले वर्षों में इस धातु की कीमतों में स्थिर वृद्धि की संभावना बनी हुई है।