मोजाम्बिक से दालों के आयात समेत हुए कई समझौते

Thursday, Jul 07, 2016 - 06:42 PM (IST)

मापुतो: भारत और मोजाम्बिक के बीच आज दालों की खरीद संबंधी दीर्घावधि समझौते समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी के बीच संक्षिप्त बातचीत और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों नेताओं की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दो अन्य समझौते युवा मामलों और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने को लेकर हुए हैं।

समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद पीएम मोदी ने संयुक्त मीडिया सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है कि आतंकवाद विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद भारत और मोजाम्बिक के समक्ष एक समान चुनौती है। आतंक का नेटवर्क दूसरे अंतरराष्ट्रीय अपराधों के साथ जुड़ा हुआ है। मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए किया गया हमारा समझौता यह साबित करता है कि हम इसके इस्तेमाल और तस्करी नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। समुद्री क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर मैं और राष्ट्रपति दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं।’’

मोदी चार अफ्रीकी देशों की यात्रा के पहले चरण में मोजाम्बिक की एक दिन की यात्रा पर पहुंचे हैं। इसके बाद वह तंजानिया,दक्षिण अफ्रीका और केन्या जाएंगे। उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर भी हैं।

मोदी ने कहा कि उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि दोनों देश मोजाम्बिक में कृषि क्षेत्र का बुनियादी ढांचा और उत्पादकता बढ़ाने पर किस तरह एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा आज हम इस सहयोग को और तेज गति देने पर सहमत हुए हैं। हम खाद्य सुरक्षा क्षेत्र में भी अपने संबंधों को मजबूत बना रहे हैं। मोजाम्बिक से दालें खरीदने की भारत की प्रतिबद्धता से उसकी जरूरत पूरी होगी। इससे मोजाम्बिक में व्यावसायिक खेती में दीर्घावधि निवेश होगा, कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजित होंगे और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

दोनों देश आपसी रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं। बाद में न्यूसी ने मोदी के समान में भोज दिया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि वह पिछले 34 वर्ष के दौरान मोजाम्बिक की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले यह अंतराल इतना लंबा कभी नहीं रहा और उन्हें विश्वास है कि भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा। 
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